बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे को टालें, अधिकारियों का ध्यान विचलित न करें - शरद पवार
मुंबई, राज्य पर एकाध प्राकृतिक आपदा आने पर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, पालक मंत्री और विरोधी दल नेता यह उस भाग में लोगों को धीरज देने के लिए उपयोगी होते हैं। परंतु अन्य लोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दौरे करके मदद और पुनर्वसन करनेवालों का ध्यान विचलित न करें, ऐसा शब्दों में राकांपा अध्यक्ष व सांसद शरद पवार ने बाढ़ पर्यटकों को लताड़ा।
राज्य के पश्चिम महाराष्ट्र, कोकण और राज्य के अनेक भागों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ की परिस्थिति उत्पन्न हो गई है, इस बाढ़ से भारी पैमाने पर किसानों-व्यापारियों आदि का नुकसान हुआ है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कल मुंबई में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य में बाढ़ की परिस्थिति गंभीर है, इस बात पर उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राजनीतिज्ञों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दौरे को टालना चाहिए, उनके दौरे से बचाव कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, इसलिए उन्होंने नेताओं से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा न करने का आह्वान किया। शरद पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पर राज्य का उत्तरदायित्व है, इसलिए वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके सही स्थिति का आकलन करके मदद के बारे में निर्णय लेंगे, बाकी अन्य नेताओं को दौरे से बचना चाहिए। रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर, सातारा, सांगली इन जिलों की स्थिति गंभीर है, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से बाढ़ से प्रभावित हुए १६,००० परिवारों को जीवनावश्यक वस्तुओं का किट वितरित किया जाएगा। इसके साथ ही डॉक्टरों की टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजी जाएंगी। राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है इससे वे केंद्र से अधिक मदद दिलाएंगे, ऐसी उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि मेरे पास पिछला अनुभव है। खासकर लातूर का। बहुत से लोग ऐसी जगहों पर तब जाते हैं जब कोई कारण नहीं होता है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी एजेंसियां, स्थानीय निकाय और कार्यकर्ता पुनर्वास कार्य पर ध्यान दे रहे हैं। राजनीतिक नेताओं के दौरे से उनका ध्यान विचलित होगा, ऐसी स्थिति में दौरे को टालने का प्रयत्न करें। मुझे याद है जब लातूर में भूकंप आया था। हम लातूर में काम पर थे। उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव निरीक्षण के लिए आनेवाले थे, उस समय मैंने प्रधानमंत्री को फोन किया और उनसे अनुरोध किया कि वह दौरे पर न आएं। मैंने उन्हें दस दिन बाद आने को कहा। आपके यहां आने पर आपका सिस्टम आपके आस-पास केंद्रित होगा। यह बात उनके ध्यानार्थ में लाया था, ऐसा पवार ने बताया।