देश के बजट में एक बार फिर से फिल्म इंडस्ट्री को इग्रोर किया गया है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को साल 2025 के बजट की घोषणा की है। हर बार की तरह इस बार भी बजट पर जनता की मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। ऐसे में बॉलीवुड इंडस्ट्री की तरफ से भी रिएक्शन सामने आ रही फिल्म निर्देशक मुकेश भट्ट का ऐसा मानना है कि बजट में एक बार फिर से फिल्म इंडस्ट्री को इग्रोर किया गया है।
मुकेश भट्ट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हर एक इंडस्ट्री के बारे में बातें होती हैं लेकिन हम कभी भी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की तरफ अपना फोकस शिफ्ट नहीं करते हैं। एंटरटेनमेंट सेक्टर देश का इतना बड़ा सैक्टर है। हम लोग देश के कल्चरल एंबेसडर हैं। हालांकि हमें कभी भी बजट में रेकग्निशन नहीं मिलती है। क्यों हमें हर बार इग्नोर किया जाता है। आज ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के आने से और थिएटर्स की फीकी होती चमक के बीच फिल्म इंडस्ट्री अपने पतन पर है।
मुकेश भट्ट ने बताया कि हमें पहले तो नोटिस किए जाने की जरूरत है। हमें आप बुलाएं, हमसे डिस्कस करें तभी हम अपनी समस्याएं बता पाएंगे। लेकिन ये प्रक्रिया कभी लाई ही नहीं गई। मेरा फाइनेंस मिनिस्टर से सिर्फ ये एक सवाल है कि आखिर सुबह कब आएगी। हम एक लीडिंग इंडस्ट्री हैं। हमारी इंडस्ट्री में भी लाखों लोग काम करते हैं। कई सारे लोगों की हमपर जिम्मेदारी है। लाखों लोग देश में ऐसे हैं जो एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करते हैं।
मुकेश भट्ट ने आगे बताया कि ऐसे में हम लोगों को बुलाएं और हम लोगों से पूछें। इसके बाद ही तो पता चल पाएगा कि आखिर समस्या क्या है और कितनी गंभीर है। लेकिन दिक्कत की बात ये है कि हमें कंसीडर ही नहीं किया जाता है। बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में कोरोना काल के बाद से काफी बदलाव देखने को मिले हैं। कई सारे थिएटर्स इस दौरान लॉस में गए हैं। इसके अलावा ओटीटी प्लेटफॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता ने भी बॉलीवुड इंडस्ट्री के बिजनेस में फर्क पैदा किया है। ऐसे में मुकेश भट्ट ने भारत सरकार और फाइनेंस मिनिस्टर से अपील की है कि वे उनकी समस्याओं को भी सुनें और बजट में उचित बदलाव करें।