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मुंबई,  प्रदूषण नियंत्रण और संतुलित पर्यावरण के लिए राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग और उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना को प्राथमिकता दी है। इस दृष्टिकोण से निवेशकों, उत्पादकों और ग्राहकों को बड़े पैमाने पर राहत देनेवाली और महाराष्ट्र को इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल में नंबर वन बनानेवाली नीति की घोषणा कल पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने की। इस नीति के तहत २०२५ तक होनेवाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन में १० प्रतिशत हिस्सा बैटरी से चलनेवाली वाहनों का होगा। इसी तरह पब्लिक ट्रांसपोर्ट में ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा, ऐसी जानकारी आदित्य ठाकरे ने दी।
सह्याद्रि अतिथि गृह में आयोजित पत्रकार परिषद में राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति २०२१ की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पर्यावरण को ध्यान में रखकर यह नीति बनाई गई है। पर्यावरण बदलाव का दंश पूरा विश्व झेल रहा है। ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए हर देश प्रयास कर रहा है। इस मामले में महाराष्ट्र कहीं पीछे न रह जाए, इसके लिए सरकार प्रयत्नशील है। मुंबई में आरे के ८०० एकड़ जंगल की सुरक्षा हो या मैंग्रोव संरक्षण का मामला, सरकार ने सभी मामलों में प्राथमिकता दी है। साथ ही अब सड़क पर होनेवाले कार्बन उत्सर्जन को रोकने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देनेवाली नीति को स्वीकार किया है।
बेस्ट में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल पहले से ही हो रहा है। इसके साथ ही अब सरकार सभी महानगरपालिका क्षेत्रों के ट्रांसपोर्ट में ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहन देगी, ऐसा आदित्य ठाकरे ने कहा। मुंबई, पुणे, अमरावती, नागपुर, संभाजीनगर आदि बड़े शहरों के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में २५ प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक पर आधारित होंगे।



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