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भायंदर, कोरोना महामारी के संक्रमण के कारण विगत डेढ़ वर्षों से सभी स्कूल व शिक्षण संस्थान बंद हैं। निजी स्कूलों की तरह ही मीरा-भायंदर मनपा के स्कूलों ने भी ऑनलाइन शिक्षा देने की शुरुआत की थी। लेकिन आर्थिक कारणों की वजह से कई छात्र डिजिटल साधन सामग्री के अभाव में शिक्षण से वंचित थे। ऐसे ३,३६७ विद्यार्थियों को एक साल के इंटरनेट कनेक्शन के साथ टैब उपलब्ध कर देने का निर्णय सोमवार को महापौर ज्योत्स्ना हसनाले की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक में लिया गया।
मीरा-भायंदर शहर में मनपा के कुल ३५ स्कूल हैं। इनमें मराठी, हिंदी, गुजराती और उर्दू ऐसे चार माध्यमों में कुल ६,१७० विद्यार्थी पहली से आठवीं तक की शिक्षा ले रहे हैं। मनपा द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार बिना मोबाइल वाले विद्यार्थियों की संख्या ७००, सादा फोन वाले विद्यार्थी १,९६७, दूरदर्शन के माध्यम से उपलब्ध शिक्षण का लाभ लेनेवाले विद्यार्थियों की संख्या २,५०५ और २,१६६ विद्यर्थियों के पास एंड्रॉयड मोबाइल उपलब्ध हैं, जिन्हें जूम ऐप व व्हॉट्सऐप के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। इससे जिनके पास कोई डिजिटल साधन सामग्री उपलब्ध नहीं है, उनके शिक्षण में बाधाएं आ रही हैं। ५वीं से ८वीं तक के ३,३६७ विद्यार्थियों को एक साल के इंटरनेट कनेक्शन के साथ शीघ्र ही टैब उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए किसी मध्यस्थ के बिना सीधे टैब निर्माता कंपनियों से संपर्क करने का सुझाव नगरसेवक ध्रुव किशोर पाटील ने दिया है। पाटील ने ‘दोपहर का सामना’ को बताया कि विद्यार्थियों को टैब देने पर करीब २ करोड़ रुपए का खर्च अपेक्षित है। फिलहाल विद्यार्थियों के लिए गणवेश, जूते, स्कूल बैग, पाठ्य सामग्री के लिए बजट में प्रावधान की गई रकम में से खर्च किया जाएगा। साथ ही शहर के स्वयं सेवी संस्थाओं से भी अपील की जाएगी कि इस खर्च को वहन करने में मनपा का सहयोग करें।

 

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