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मुंबई, देश के नागरिक कोरोना से बेहाल हैं। इस कोरोना काल में कई लोग बेरोजगार हो चुके हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार महंगाई की आग में लोगों को धकेल रही है। देश में सामान्य जीवन में प्रयोग होने वाली वस्तुओं की कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले ६० दिनों में पेट्रोल, डीजल की कीमतों में ३३ बार बढ़ोतरी हुई। एक जुलाई से एसबीआई ने ४ लेनदेन के बाद प्रति लेनदेन १५ रुपए चार्ज करने का निर्णय लिया है। साथ ही अमूल दूध प्रति लीटर २ रुपए महंगे हो गए। महंगे तेल के साथ-साथ अब आम लोगों पर रसोई गैस की महंगाई का भी भार बढ़ गया है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) के भी भाव बढ़ा दिए हैं। घरेलू एलपीजी सिलिंडर के दाम कल २५.५० रुपए प्रति सिलिंडर बढ़ गए। अब इस बढ़ोतरी के बाद घरेलू सिलिंडर्स के लिए ८३४.५० रुपए चुकाने होंगे। र्इंधन के दाम बढ़ने से रसोई की हर चीजें पहले से ही महंगी हुई हैं, उस पर अब घरेलू गैस सिलिंडर के दाम बढ़ने से रसोई रुलाने लगी है। इस बढ़ती महंगाई को लेकर अब देशवासी बरबस ही कह रहे हैं कि केंद्र सरकार अब तो रहम करो और इस महंगाई की मार से हमें बचाओ।
मिली जानकारी के मुताबिक सिर्पâ घरेलू गैस, १४.२ किग्रा ही नहीं, बल्कि १९ किग्रा वाले कॉमर्शियल सिलिंडर के लिए भी अधिक दाम चुकाने होंगे। इनके भी भाव में ८४.५ रुपए की बढ़ोतरी हुई है, यानी कि १९ किग्रा वाले सिलिंडर के लिए अब १,५०७ रुपए चुकाने होंगे।एक नजर यदि केंद्र की मोदी सरकार के पिछले ७ साल के कार्यकाल पर डालें तो एलपीजी के भाव उच्चतम स्तर पर पहुंच चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार १ मार्च २०१४ को गैस सिलिंडर की कीमत ४१० रुपए थी, जो अब १ जुलाई को बढ़कर ८३४.५० रुपए हो गई है, जोकि दोगुना से भी ज्यादा है।

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