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बुलंदशहर : देवीपुरा निवासी पप्पन प्रजापति की बहुचर्चित हत्या का ७ साल पुराना मामला इन दिनों सुर्खियों में है। पप्पन की उसी के कर्मचारी जमशेद (बदला हुआ नाम) ने चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी थी। हत्या की वजह थी, पप्पन का रंगीला स्वभाव। दो विवाह करने के बाद भी पप्पन की रंगीन मिजाजी बंद नहीं हुई थी। उसने अपने विश्वासपात्र कर्मचारी जमशेद की पत्नी को प्रेमजाल में फंसा लिया था। जमशेद को जब यह पता चला कि उसके पांच बच्चों की मां उससे बेवफाई कर रही है तो उसका दिल टूट गया। अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचकर जमशेद ने पत्नी को तो बख्श दिया लेकिन अपने मालिक पप्पन को विश्वासघात के बदले सबक सिखाने का निर्णय ले लिया। नतीजतन जमशेद ने पप्पन की गला रेतकर हत्या कर दी थी। अब कोर्ट ने जमशेद को उम्रवैâद की सजा सुनाई है।

६ साल पहले ११ जुलाई, २०१४ की रात किसी ने पप्पन का खून कर दिया था। पप्पन के बेटे प्रदीप ने अगले दिन कोतवाली नगर में तहरीर दी थी। उसने बताया था कि शाम करीब साढ़े सात बजे जमशेद उनके घर पर आया था। जमशेद उसके पिता पप्पन को किसी काम के बहाने अपने साथ बाइक पर ले गया था। कुछ देर बाद पता चला था कि जमशेद ने उसके पिता पप्पन की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी है। पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी जमशेद को गिरफ्तार कर लिया।

पप्पन फूलों का व्यापार करता था और जमशेद उसके यहां मजदूरी। कभी-कभी काम ज्यादा होने पर जमशेद अपनी बीवी को भी मजदूरी के लिए साथ ले जाता था। उसी दौरान जमशेद की बीवी पर पप्पन लट्टू हो गया व उसे फंसाने में सफल भी हो गया। इस दौरान जमशेद को उसकी पीठ पीछे चल रहे बीवी के इश्क की भनक लग गई।


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