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मुंबई : चोर और उनकी चोरी के तरीके अक्सर चर्चा का विषय बनते हैं। चोरों के एक ऐसे ही गिरोह का मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की यूनिट-१२ ने पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के चोर बहुत ही चतुर थे। वे उन्हीं इमारतों को निशाना बनाते थे, जिनमें सीसीटीवी वैâमरे नहीं होते थे। सीसीटीवी रहित इमारत में घुसने के बाद चोरों का एक साथी इमारत में सीढ़ियों से उपर तक जाता था। वह मकानों के दरवाजे और बाहर की सजावट देखकर इमारत में रहनेवाले लोगों की हैसियत का अंदाजा लगाते थे। बाद में दरवाजे पर कान लगाकर अंदर चलनेवाले पंखे-टीवी की आवाज सुनते थे तथा ये तय करते थे कि मकान खाली है या नहीं? इस तरह वारदात को अंजाम देने योग्य मकान मिलने पर ही वे दरवाजे का ताला तोड़ कर चोरी करते थे।

बता दें कि १७ फरवरी को गोरेगांव के एक फ्लैट में चोरी हुई थी। चोर १८ लाख रुपए के ४०१ ग्राम गहने चुराकर चंपत हो गए थे। वनराई पुलिस के साथ साथ यूनिट- १२ की टीम डीसीपी अकबर पठान व एसीपी पंढरीनाथ वाह्वल के मार्गदर्शन तथा वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक महेश तावडे के नेतृत्व में मामले की जांच कर रही थी। जांच में जुटी यूनिट-१२ की टीम को पता चला कि चोर दहिसर के पर्वतनगर इलाके में चोरी का माल बेचने आनेवाले हैं। टीम में शामिल पीआई विलास भोसले, सचिन गवस, अतुल डहाके, एपीआई विक्रम सिंह कदम, प्रकाश सावंत व अतुल आह्वाड व अन्य ने जाल बिछाकर ४ आरोपियों को पकड़ा और उनसे २७०.७२ मिली ग्राम गहने तथा ७ हजार रुपए बरामद कर लिए। बाकी के गहने उनके अन्य साथियों के पास हैं।


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