स्पीड ब्रेकर-गड्ढे आते रहते हैं, फिर भी स्टेयरिंग की पकड़ नहीं छोड़ूंगा! - उद्धव ठाकरे
मुंबई : मुख्यमंत्री होने के बावजूद मैं खुद अच्छी कार चलाता हूं, ऐसा मेरे बारे में उल्लेख किया जाता है। अच्छी कार चलाता हूं ही, लेकिन कार और सरकार दोनों चला रहा हूं। बीच-बीच में स्पीड ब्रेकर आते हैं, गड्ढे भी आते हैं, फिर भी स्टेयरिंग की पकड़ मैं नहीं छोड़ूंगा, ऐसा विश्वास मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने व्यक्त किया।
सह्याद्रि अतिथि गृह में परिवहन विभाग और महाराष्ट्र राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के ३२ वें संयुक्त राज्य सड़क सुरक्षा माह का उद्घाटन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हाथों किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का परिचय देते हुए संचालिका ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खुद कार चलाते हैं। कोरोना, प्राकृतिक आपदा जैसी कई चुनौतियों के बावजूद वे अपने हाथ में स्टेयरिंग पकड़े हुए सफलतापूर्वक सरकार चला रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विश्वास व्यक्त किया कि इस स्टेयरिंग की पकड़ छूटने नहीं दूंगा।
मेरा महाराष्ट्र दुर्घटनाओं की सूची में पहले, दूसरे या तीसरे क्या, इस सूची में ही नहीं होना चाहिए, ऐसी अपेक्षा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य के दुर्घटना स्थलों, मोड़ पर ट्रॉमा केयर सेंटर स्थापित किए जाने चाहिए। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हमें मिलकर काम करने की जरूरत है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता की बजाय लोगों को वैसी सुविधाएं भी प्रदान की जानी चाहिए। ओवरब्रिज जैसी सुविधाएं प्रदान करते समय, थाईलैंड के एस्केलेटर का उदाहरण देते हुए जो सुविधाएं देंगे। वे नजर में भी आने चाहिए, ऐसी सलाह भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दी।
‘संयम’ और ‘नियम’ का पालन नहीं किया तो यम आते हैं
सड़क सुरक्षा यह जीवनशैली का हिस्सा होनी चाहिए, इस उम्मीद को व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि नियम और संयम दोनों शब्दों में यम है। यदि आप वाहन चलाते समय नियम और संयम का पालन नहीं करते हैं, तो यम मिलने आते हैं। यम से बचना है तो नियम और संयम दोनों महत्वपूर्ण हैं। सड़कें सिर्फ मनुष्य नहीं, बल्कि जानवर भी पार करते हैं, उनका भी ध्यान रखा जाना चाहिए, ऐसा भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा।
वाहन सेक्टर में नई तकनीक आ रही है। इलेक्ट्रिक वाहन आ रहे हैं। तेज गति की गाडियां आ रही हैं। इस दृष्टि से जानकारी देने और जनजागृति करना महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में जनजागृति का काम करनेवाली गैर सरकारी संस्थाओं और व्यक्तियों को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने धन्यवाद दिया। वाहन चलाने का प्रशिक्षण देनेवाली संस्थाओं के कर्मचरियों को सभी नियम और अनुशासन की जानकारी होना जरूरी है। तभी वे प्रशिक्षण दे पाएंगे। संबंधित विभाग को यातायात नियमों और अनुशासन का पालन करने के लिए समन्वय में काम करना चाहिए, स्कूली बच्चों को यातायात नियम सिखाया जाना चाहिए। अगर बच्चे समझदार बनेंगे, तो माता-पिता भी समझदार बनेंगे, ऐसी अपेक्षा व्यक्त करते हुए कार्यक्रम में प्रकाशित वैâलेंडर में १२ से १३ साल के बच्चों द्वारा बनाई गई सड़क सुरक्षा तस्वीरों और स्लोगन की भी मुख्यमंत्री ने प्रशंसा की।
‘सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा’ ये इस वर्ष के अभियान का स्लोगन है। यह अभियान पहली बार १८ जनवरी से १७ फरवरी, २०२१ तक महीनेभर के लिए शुरू रहेगा। कोरोना जैसी महामारी पर हमने अथक प्रयासों, नियमों का पालन करते हुए और एक-दूसरे के सहयोग से नियंत्रण पाया है। दुर्घटनाओं को कम करने के लिए भी इसी तरह का प्रयास किया जाना चाहिए, ऐसा आह्वान परिवहन मंत्री अनिल परब ने किया। इस वर्ष करीब २४ हजार के करीब दुर्घटनाएं हुई हैं। पिछले वर्ष की तुलना में २३ प्रतिशत की गिरावट और मौतों में १० प्रतिशत की गिरावट आई है, फिर भी मरनेवालों की संख्या कम नहीं हुई है। इसे और कम करने के लिए विभिन्न उपक्रमों के माध्यम से यातायात नियमों के बारे में जागरूकता पैदा करना आवश्यक है, ऐसा अनिल परब ने कहा।
इस अवसर पर वस्त्रोद्योग मंत्री व मुंबई शहर पालकमंत्री असलम शेख, सांसद अरविंद सावंत, विधायक मंगलप्रभात लोढा, परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आशीष कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक हेमंत नगराले, अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय, परिवहन आयुक्त अविनाश ढाकणे सहित परिवहन, गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।