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मुंबई : कोरोना काल में अत्यावश्यक सेवा के दौरान काम से नदारद रहने वाले बेस्ट कर्मचारियों को बेस्ट ने बर्खास्त करने की प्रक्रिया को जारी रखा है और अब तक 159 कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुका है. इसमें बस चालकों और कंडक्टरों की संख्या अधिक है. बर्ख़ास्तगी को लेकर बेस्ट कर्मचारियों में भारी आक्रोश है.

याद रहे कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद हुए लाकडाउन में बेस्ट को छोड़कर यातायात के सभी साधन बंद कर दिए गए थे. उस समय बेस्ट प्रशासन ने सभी बेस्ट उपक्रम के कर्मचारियों को 100% और बिजली विभाग सहित अन्य कर्मचारियों को 15% स्टाफ को अनिवार्य रूप से ड्यूटी पर आने का आदेश जारी किया था. लेकिन बेस्ट के कई कर्मचारियों के अनुपस्थित रहने से बेस्ट की बसें डिपो से ही नहीं निकल सकी. इससे बेस्ट के उपस्थित कर्मचारियों पर काम का तनाव बढ़ गया था. बेस्ट प्रशासन ने कर्मचारियों को चार्जशीट देना शुरु किया. चार्ज शीट मिलने के बाद भी जो कर्मचारी अनुपस्थित रहे उनकी बर्ख़ास्तगी शुरु कर दी गई.

जुलाई तक 112 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया था. अगस्त में यह संख्या बढ़ कर 159 हो गई. जो कर्मचारी चार्जशीट मिलने के बाद काम पर वापस लौटे उनकी वेतनवृद्धि रोकने की कार्रवाई भी बेस्ट प्रशासन शुरू कर दिया है. बेस्ट प्रशासन की इस कार्रवाई का सभी यूनियनों ने विरोध किया है. 

बेस्ट जनसंपर्क अधिकारी मनोज वरादे ने बताया कि ड्यूटी पर नहीं आने वाले कर्मचारियों को पहले नोटिस दिया गया था और बाद में चार्जशीट की प्रक्रिया शुरू की गई. सही कारण से नहीं आने वाले कर्मचारियों पर बेस्ट ने कार्रवाई नहीं की है. पिछला रिकॉर्ड जाँचने के बाद ही संबंधित विभाग ने चार्जशीट दिया था. संबंधित विभाग के हेड ने अनुशासनहीनता को लेकर कार्रवाई की है. कोरोना को लेकर कार्रवाई नहीं की गई है. कोई भी कंपनी हो या सरकारी संस्थान, काम पर नहीं आने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाती है.


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