'इस्लाम के खिलाफ जंग छेड़ रहा है चीन', उइगर कार्यकर्ता ने लगाई मदद की गुहार
चीन में अल्पसंख्यकों खास कर उइगर मुसलमानों के दमन और उनके साथ दुर्व्यवहार के मामले नए नहीं हैं। वहां मुस्लिमों के लिए काम करने वाले संगठन इसे लेकर चीन के खिलाफ आवाज भी उठाते आए हैं। अब कैंपेन फॉर उइगर संगठन की एक कार्यकर्ता ने इसे लेकर इस्लामिक देशों से कदम उठाने की अपील की है।
संगठन के ट्विटर हैंडल पर जारी एक वीडियो संदेश में उइगर कार्यकर्ता रुशन अब्बास ने कहा है कि सहायता न मिलने से उइगर मुसलमान टूट गए हैं। उन्होंने इस्लामिक देशों से अपील की कि वह चीन में मुसलमानों पर किए जा रहे अत्याचार को लेकर आवाज उठाएं और प्रभावी कदम उठाएं।
इस्लाम के खिलाफ जंग शुरू कर रहा चीन : अब्बास
वीडियो संदेश में अब्बास ने कहा कि इस्लामिक देशों के संगठन को यह समझना होगा कि चीन इस्लाम के खिलाफ जंग छेड़ रहा है। उन्होंने कहा कि चीन में स्थिति यह है कि उइगर मुसलमानों को मस्जिद नहीं जाने दिया जा रहा है। और तो और उन्हें शराब और सूअर के मांस का भी जबरन सेवन कराया जा रहा है।
कैंपेन फॉर उइगर ने इस संबंध में हाल ही में 'पूर्वी तुर्किस्तान में नरसंहार' नामक एक रिपोर्ट भी जारी की थी। इसमें संगठन ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों से चीन पर दबाव बनाने की अपील की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के बावजूद चीन राजनीतिक हितों के लिए उइगर व अन्य मुसलमानों को प्रताड़ित कर रहा है।
उइगरों के लिए बंदीगृह जैसा हो गया है शिंजियांग प्रांत
बता दें कि चीन के शिंजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों की आबादी प्रमुखता से है। लेकिन, यह क्षेत्र उनके लिए किसी बंदीगृह की तरह होकर रह गया है। यहां उइगर मुसलमानों पर अत्याचार के कई मामले सामने आ चुके हैं। हजारों उइगरों को हिरासत में रखा गया है और चीन सरकार लगातार उन पर नजर रख रही है।
साल 2018 में न्यूयॉर्क स्थित मानवाधिकार निगरानी संस्था ने चीन के शिंजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के व्यवस्थित अभियान का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट को लेकर बीजिंग ने शिंजियांग में लगाए जा रहे शिविरों को व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र बताया था।
अमेरिका ने चीनी अधिकारियों के प्रवेश पर लगाई रोक
गुरुवार को अमेरिका ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगा दी। अमेरिका का आरोप है कि इन अधिकारियों ने चीन के पश्चिमी हिस्से में हिरासत में रखे गए धार्मिक एवं जातीय अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का कथित उल्लंघन किया।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने एक बयान में कहा, चीन उइगरों, जातीय कजाख लोगों व शिनजियांग के अन्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन कर रहा है। वह मनमानी सामूहिक हिरासत, जबरन आबादी नियंत्रण तथा उनकी संस्कृति और मुस्लिम आस्था को मिटाने की कोशिश कर रहा है।