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मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सरकारी क्षेत्र की कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसियल सर्विसेज (आईएल एंड एफएस) द्वारा मुंबई की कोहिनूर सीटीएनएल कंपनी को दिए 860 करोड़   रुपए के लोन और इंवेस्टमेंट की जांच में लगी है। गौरतलब है कि कोहिनूर सीटीएनएल दादर में कोहिनूर टॉवर्स के कंस्ट्र्क्शन में लगी है और यह कंपनी शिवसेना नेता मनोहर जोशी के बेटे उन्मेष जोशी की है।

एजेंसी कंपनी की शेयर होल्डिंग और उसके इंवेस्टमेंट की बारीकी से जांच कर रही है। बता दें कि कोहिनूर मिल्स नंबर 3 को खरीदने के लिए शिवसेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी के बेटे उन्मेष जोशी, एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे और उनके एक अन्य बिजनेस सहयोगी ने मिलकर एक कंसोर्टियम गठित किया था। इसमें आईएल एंड एफएस ग्रुप ने भी काफी  बड़ी रकम निवेश की थी। सूत्रों के मुताबिक, आईएल एंड एफएस ग्रुप ने उनकी कंपनी में 225 करोड़ रुपए का निवेश किया था। इसके बाद साल 2008 में इसने बड़ा नुकसान उठाते हुए कंपनी में अपने शेयर्स को महज 90 करोड़ रुपए में सरेंडर कर दिया। उसी साल राज ठाकरे ने भी अपने शेयर बेच दिए थे  और कंसोर्टियम से बाहर निकल गए थे। अपना शेयर  सरेंडर करने के बाद भी आईएल एंड एफएस ग्रुप ने कोहिनूर सीटीएनएल को एडवांस लोन दिया, जिसे कथित तौर पर कोहिनूर सीटीएनएल चुका नहीं पाया। साल 2011 में कोहिनूर  सीटीएनएल कंपनी ने अपनी कुछ संपत्तियां बेचकर 500 करोड़ रुपए का लोन चुकाने के समझौते पर साइन किया। इस समझौते के बाद आईएल एंड एफएस ग्रुप ने कोहिनूर  सीटीएनएल को 135 करोड़ रुपए का और लोन दे दिया। मामले में ईडी ने कोहिनूर सीटीएनएल के सीएओ का बयान रिकॉर्ड किया है। इसके अलावा और जानकारी के लिए उनसे कभी  भी पूछताछ की जा सकती है। हालांकि, उन्मेष से अभी तक संपर्क नहीं किया जा सका है।


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