पाक से लड़कर जीती जमीन, लेकिन अपनों से हार गया पूर्व फौजी
मुंबई : 76 साल के विठोवा मारुति परवलकर ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान
की हालत खराब कर दी थी। उनकी बहादुरी से खुश होकर सरकार ने उन्हें 7 एकड़ जमीन इनाम
के तौर पर दी थी। अब उसी जमीन पर अवैध कब्जा हो गया है। विठोवा अब उसी सरकार के दरवाजे
पर अपनी जमीन वापसी के लिए दस्तक दे रहे हैं, जिसने उन्हें यह जमीन अलॉट की थी। विठोवा
के पुत्र नामदेव ने बताया कि उनके पिता अब 76 साल के हैं। वह कभी मराठा बटालियन में
थे। 71 के पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में उन्हें दो गोलियां लगी थीं। घायल होने के बावजूद
वह पाकिस्तान सेना पर लगातार गोलीबारी करते रहे। उनकी जांबाजी की उस वक्त हर जगह तारीफ
हुई। उस युद्ध में महाराष्ट्र से जिन सैनिकों ने मोर्चा संभाला था, महाराष्ट्र सरकार
ने सभी को 5 से 7 एकड़ जमीन देने का फैसला किया था।
सरकार ने दी थी 7 एकड़ जमीन
विठोवा का मूल गांव रायगढ़ जिले में देगांव में हैं। वहां से
7 किलोमीटर दूर माणगांव तालुका के रेले गांव में उन्हें 7 एकड़ जमीन दी गई। साल
1973 में उन्हें बाकायदा कागज दिए गए। तलाहटी की तरफ से जगह भी दिखाई गई। विठोवा तब
से हर साल उस जमीन का टैक्स भी भर रहे हैं। साल 1984 में वह रिटायर हो गए। इसके बाद
उन्होंने वहां खेती भी करनी शुरू कर दी। बाद में बारिश में यहां पानी भरना शुरू हो
गया, तो खेती बर्बाद होने लगी।
...और कर लिया अवैध कब्जा
इसके बाद उन्होंने अपनी जमीन पर बाउंड्री बना दी, लेकिन दो-तीन
साल पहले उन्हें पता चला कि उनकी जमीन पर अवैध कब्जा हो गया है। बाउंड्री तोड़ दी गई
और किसी ने उनकी जगह पर एक छोटा घर बनवा लिया और गाय, भैंसों के बाड़े भी वहां बन गए।
गांववालों ने लगाया अड़ंगा
मामला उप जिलाधिकारी तक पहुंचा। उन्होंने कागजात देखे। जांच
में पाया कि विठोवा मारुति परवलकर के कागजात सही हैं। उन्होंने आदेश दिया कि विठोवा
इस जमीन पर फिर बाउंड्री बना सकते हैं। जब उन्होंने कोशिश की, तो विठोवा के बेटे नामदेव
का आरोप है कि गांववालों द्वारा उन्हें ऐसा करने नहीं दिया गया।
उप जिलाधिकारी के आदेश का अब तक पालन नहीं
नामदेव के अनुसार, तहसीलदार ने कहा कि वह इस मामले में कुछ नहीं
कर सकते। तहसीलदार ने अलीबाग में उप जिलाधिकारी से मिलने के लिए कहा। नामदेव वहां गए
भी। 21 फरवरी, 2019 को उप जिलाधिकारी ने आदेश निकाला कि तहसीलदार उन लोगों को नोटिस
दें, जिन्होंने जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। यदि फिर भी ये लोग जमीन न छोड़ें, तो
पुलिस की मदद लेकर यह जमीन खाली करवाई जाए और विठोवा मारुति परवलकर को वापस उनकी मूल
जमीन पर कब्जा दिया जाए। पर, इस आदेश पर अमल अभी तक नहीं हुआ है।