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मुंबई : आर्थिक संकट से जूझ रही बेस्ट को घाटे से उबारने के लिए महानगर पालिका ने 600 करोड़ रुपए देने का निर्णय लिया है। लेकिन इसके लिए बेस्ट को कुछ सुधार करने के   लिए कहा गया है। यह सुधार आनेवाले तीन महीनों में बेस्ट को करने हैं और अगर मनपा द्वारा बताए गए सुधार नहीं किये गए तो बचे हुए पैसे मनपा बेस्ट को नहीं देगी। इसी के  आधार पर मनपा द्वारा 100 करोड़ रुपए देने के लिए मंजूरी स्थाई समिति की बैठक में मिल गई है। आर्थिक तंगी से बेस्ट को उबारने के लिए बेस्ट के बजट को मनपा के बजट में  शामिल करने की मांग की जा रही है।

बेस्ट में सुधार किये जाने की शर्त पर मनपा द्वारा बेस्ट को मदद की गई है। बेस्ट के बजट को मनपा के बजट में शामिल होने तक हर महीने 100 करोड़ रुपए देने का निर्णय महापौर विश्वनाथ महाड़ेश्वर द्वारा लिया गया है। यह पैसे हर महीने दिए जाने की जानकारी बजट में शामिल होने तक लिया गया है। महानगर पालिका के स्थाई समिति के प्रस्ताव   के मुताबिक बेस्ट को 600 करोड़ रुपए दिए जाने का प्रस्ताव दिया गया है। जिसकी पहली किस्त 100 करोड़ रुपए स्थाई समिति की मंजूरी के बाद दिया गया है। इस नियम के  मुताबिक बेस्ट को 3337 बसों से सात हजार तक बढ़ाना है। छोटे अंतराल के लिए मिनी बस चलाकर पांच रुपया किराया लेना होगा। इसके अलावा बस में यात्री भरने के लिए प्रयत्न  किया जाना चाहिए। इन्हीं शर्तों के आधार पर स्थाई समिति में प्रस्ताव को मंजूर किया गया है। इस प्रस्ताव पर विरोधियों के बोले बिना मंजूरी मिलने से उन्होंने नाराजगी व्यक्त की   है। गट नेताओं की बैठक में बेस्ट को हर महीने 100 करोड़ रुपए देने की बात कही गई थी जिसमें 1200 करोड़ रुपए देने के लिए महानगर पालिका आयुक्त ने कहा था। हर महीने  100 करोड़ दिया जाना था, लेकिन अब 600 करोड़ रुपए का प्रस्ताव स्थाई समिति में पास हुआ है। राष्ट्रवादी की गटनेता का कहना है कि महापालिका अगर 1200 करोड़ रुपए बेस्ट  को देती तो इससे बेस्ट में काफी सुधार होता और आर्थिक संकट भी दूर हो सकता था। इसके अलावा किराया भी कम किये जाने की मांग की गई है।

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