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मुंबई : प्लास्टिक हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है लेकिन जीवन के साथ-साथ यह हमारे शरीर के हिस्सों में भी जमा होता जा रहा है। एक अध्ययन की मानें तो हम हर महीने खाने-पीने के सामान के साथ २१ ग्राम प्लास्टिक निगल जाते हैं।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूकास्टल द्वारा प्लास्टिक के शरीर में जमाव पर रिसर्च किया गया, जिसमें यह पाया गया है कि हर महीने औसतन २१ ग्राम प्लास्टिक हम हमारे शरीर में निगल जाते हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि अधिकांश प्लास्टिक के कण टिफिन, बोतल, पानी के नल, दूध की थैली, आइस्क्रीम के रैपर्स और छोटे-मोटे सामानों के लिए प्रयोग किए जानेवाली थैलियों के साथ चिपककर हमारे शरीर में जमा हो जाता है। इन सामानों के साथ लगकर प्लास्टिक के २००० छोटे कण हर हफ्ते हमारे शरीर में जाते हैं, यानी लगभग ५ ग्राम प्लास्टिक हम हर हफ्ते निगल जाते हैं, जो कि एक छोटे क्रेडिट कार्ड के वजन के बराबर है। मुंबई में भी लोग प्लास्टिक के प्रयोग पर पाबंदी लगने के बाद भी प्लास्टिक का प्रयोग करते नजर आते रहते हैं। हिंदुजा अस्पताल के निदेशक डॉ. अविनाश सुपे ने बताया कि गर्म खाने को टिफिन में रखने से और अन्य खाद्य पदार्थों में प्लास्टिक के घुलने से केमिकल रिएक्शंस होती है, जिससे पाचन और पेट संबंधित बीमारी होती है। यदि लंबे समय तक इसका उपयोग किया जाए, तो यह हमारे शरीर की किडनी और लीवर को भी प्रभावित कर सकता है।



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