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मुंबई : टीबी जैसी संक्रामक बीमारी का बोझ मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में बढ़ता जा रहा है। इससे कोई अछूता नहीं है। विगत ४ वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो औसतन ५४ बेस्ट कर्मचारी इससे ग्रसित हो रहे हैं लेकिन उक्त संक्रमण से मुक्त करने में बेस्ट के डॉक्टरों को काफी सफलता मिली है। टीबी से ग्रसित होनेवाले ९५ प्रतिशत कर्मचारी बेस्ट के `बेस्ट’ उपचार के कारण टीबी को टाटा करने में सफल साबित हुए हैं।
बेस्ट से मिले आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष २०११ से लेकर २०१८ तक केवल ५ प्रतिशत मरीजों को ही एडमिट होने की जरूरत पड़ी थी। अक्सर टीबी के मरीज इलाज अधूरा छोड़ देते हैं जिसके चलते बीमारी बढ़ती चली जाती है। इसको ध्यान में रखते हुए बेस्ट के डॉक्टरों ने सभी मरीजों का समय-समय पे फॉलोअप लिया जिससे इलाज पूरा न करानेवालों का प्रतिशत शून्य रहा है। बेस्ट के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनिलकुमार सिंगल ने `दोपहर का सामना’ को बताया कि टीबी से ग्रसित होनेवाले कर्मचारियों का सही उपचार और देखभाल के कारण उनका इलाज का खर्चा १० लाख से १ लाख तक पहुंच गया है। वैसे तो उन्हें १२ से १८ महीने की छुट्टी लेनी पड़ती है ताकि वे जल्द स्वस्थ हो जाए लेकिन हमारे देखभाल, सुविधाओं के कारण टीबी से ग्रसित कर्मचारी महज ६ से ८ महीने में ठीक हो जा रहे हैं। टीबी से ग्रसित कर्मचारियों को दिक्कत न हो इसलिए हमने इन हाउस डॉट सेंटर बनाए हैं, जहां से वे अपने लिए दवाइयां ले जा सकते हैं।


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