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मुंबई,  कोयले की कमी ने राज्य में बिजली उत्पादन पर असर डाला है। खुले बाजार से अत्यधिक दरों पर बिजली खरीदकर मांग को पूरा किया जा रहा रहा है। हालांकि ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने दावा किया है कि प्रदेश में बिजली कटौती नहीं की जा रही है और बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए उचित योजना बनाई जा रही है। मौजूदा समय में मांग की तुलना में ३,००० मेगावाट बिजली की कमी बनी हुई है। बिजली उपभोक्ताओं से संकट के दौरान बिजली बचत की अपील की गई है।
मंत्रालय में कल प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री ने बताया कि मांग की तुलना में राज्य में ३,००० मेगावाट बिजली की कमी देखी जा रही है। बिजली की इस कमी को पूरा करने के लिए राज्य सरकार भरसक प्रयास कर रही है। महानिर्मिति की थाप बिजली परियोजनाओं को नियमित कोयले की आपूर्ति हो इसके लिए पिछले दो महीनों से वे केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह के संपर्क में हैं। हम जल्द ही इस संकट से उबर जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस पृष्ठभूमि में मैं सभी उपभोक्ताओं से सुबह और शाम अधिकतम ६ से १० बजे के दौरान अपने घरेलू उपकरणों का संयम से उपयोग करके बिजली बचाने के लिए सहयोग करने की अपील करता हूं।
महानिर्मिति की कुल स्थापित क्षमता १३ हजार १८६ मेगावाट है। इसके अलावा महावितरण अन्य कंपनियों से भी बिजली खरीदती है। राज्य को ३,००० मेगावाट की कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि चार इकाइयां कोयले की कमी के कारण बंद हो गई हैं और तीन रखरखाव मरम्मत के कारण बंद हो गई हैं।

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