एक और मंत्री भ्रष्टाचार के मामले में निशाने पर, बेनामी संपत्तियां बनाने का आरोप
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार में पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के बाद
एनसीपी के एक और मंत्री हसन मुश्रीफ पर बेनामी संपत्तियां बनाने का आरोप
लगने लगा है। महाराष्ट्र भाजपा नेता किरीट सोमैया ने एनसीपी नेता और राज्य
सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ पर अपने परिवार के सदस्यों और
कंपनियों के माध्यम से भ्रष्ट आचरण और बनेमी संपत्तियां बनाने का आरोप
लगाया है।
वहीं, शिवसेना ने भी सोमैया पर पलटवार करते हुए उन पर निशाना
साधा और सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाने की बात
कही। मुंबई में मीडिया से बात करते हुए सोमैया ने आरोप लगाया कि मुश्रीफ और
उनके परिवार के सदस्यों ने कंपनियों का एक जाल बनाया है और कोलकाता की उन
कंपनियों के साथ लेन-देन किया है जिनका केवल नाम है।
मुंबई के पूर्व
सांसद ने दावा किया कि वित्तीय लेनदेन से पता चलता है कि उनके बैंक खाते
में उन कंपनियों ने पैसा आ रहा था जो वास्तव में मौजूद नहीं है। सोमैया ने
आगे बताया है कि उन्होंने इनकम टैक्स विभाग को वित्तीय लेनदेन और मुश्रीफ
परिवार की गैर-पारदर्शी आय के बारे में जानकारी हासिल करवाई है।
सोमैया
ने मुश्रीफ पर 100 करोड़ रुपए के वित्तीय लेनदेन का आयकर विभाग, ईडी और
एसीबी से जांच कराने की मांग की। वहीं, एनसीपी के प्रवक्ता और राज्य मंत्री
नवाब मलिक ने सोमैया पर निशाना साधा और उन पर महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के
नेताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाने का आरोप लगाया।
मलिक ने कहा कि
सोमैया को अब कोई गंभीरता से नहीं लेता है। उन्होंने कहा कि अदालत ने
महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में राकांपा नेता छगन भुजबल को आरोपमुक्त कर
दिया है, जिसमें सोमैया ने उन पर आरोप लगाए थे। बता दें कि पिछले हफ्ते,
मुंबई की एक विशेष अदालत ने दिल्ली में महाराष्ट्र सदन (राज्य सरकार गेस्ट
हाउस) के निर्माण में कथित अनियमितताओं से संबंधित 2015 के मामले में
महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता छगन भुजबल और सात अन्य को आरोप मुक्त
कर दिया।