४८८ स्कूल होगा ‘आदर्श स्कूल’!
मुंबई, राज्य के ४८८ सरकारी स्कूलों को शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आदर्श स्कूलों के रूप में विकसित करने का निर्णय कल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इसके अलावा सार्वजनिक निजी निवेश द्वारा राज्य में नए मेडिकल कॉलेज, इंटेंसिव केयर अस्पताल स्थापित करने सहित पांच अहम फैसले लिए गए।
निर्णयानुसार स्वीकृत राज्य के ४८८ ‘आदर्श विद्यालयों’ के विकास के लिए ४९४ करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। विद्यालयों में भौतिक सुविधाओं के साथ-साथ शैक्षिक गुणवत्ता का विकास कर आदर्श विद्यालयों का निर्माण किया जाएगा। भौतिक सुविधाओं के विकास में पृथक शौचालय, पेयजल व्यवस्था, सुव्यवस्थित कक्षाएं, आकर्षक भवन, खेल का मैदान, खेल उपकरण, आईसीटी प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला, पुस्तकालय जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। विद्यार्थियों को शैक्षणिक गुणवत्ता में सीखने के लिए एक अनुकूल सीखने का माहौल प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा। यह ध्यान रखा जाएगा कि शिक्षक विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकों के अलावा और भी सार्वजनिक ज्ञान दें।
राज्य में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के माध्यम से नए मेडिकल कॉलेज और इंटेंसिव केयर अस्पतालों की स्थापना कर चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने का निर्णय वैâबिनेट की बैठक में लिया गया। इस नीति को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएफसी) की मदद से एक पायलट प्रोजेक्ट के जरिए लागू किया जाएगा। दूर-दराज के क्षेत्रों में परियोजनाओं को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में इस योजना के लिए उद्योग विभाग की प्रोत्साहन पैकेज योजना भी लागू की जा सकती है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक अधिकार प्राप्त समिति इन प्रावधानों की जांच और अनुमोदन करेगी। इससे ३ वर्षों में स्नातकोत्तर शिक्षा में १,००० स्नातकोत्तर (एमडी/एमएस/डीएनबी) पदों की वृद्धि होगी (नए सरकारी मेडिकल कॉलेज में ३५० और मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेज में ६५०)। दस वर्षों में डिग्री शिक्षा में प्रति वर्ष २,६०० एमबीबीएस छात्र सीटों की वृद्धि होगी।
बाह्य रोग विभाग में एक करोड़ और अंत: रोग विभाग में हर साल १० लाख की वृद्धि की जाएगी। प्रति वर्ष एक अतिरिक्त २,५०० प्रमुख सर्जरी, प्रत्येक मेडिकल कॉलेज प्रति वर्ष ५,००००० आउट पेशेंट सेवाएं और ५०,००० रोगियों को इनपेशेंट सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होगा। २०२६ से, २०० अतिरिक्त गहन देखभाल इकाइयां हर साल बनाई जाएंगी और प्रति वर्ष लगभग ३,००००० आउट पेशेंट और लगभग ७५,००० इन-पेशेंट प्रदान करने में सक्षम होंगी।