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मुंबई : राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को दिल्ली में देश के गृहमंत्री व देश के पहले सहकारी मंंत्री अमित शाह से मुलाकात की. मुलाकात के बाद शरद पवार ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस बारे में जानकारी भी दी. यह मुलाकात आखिर किस बात को लेकर हुई, उन्होंने अपने ट्वीट में इसका उल्लेख किया है. इस मुलाकात में शरद पवार के साथ एनसीपी नेता सुनील तटकरे भी उपस्थित थे. शरद पवार ने अपने ट्वीट में भले ही इस बारे में जानकारी दी है. लेकिन शरद पवार को जिन लोगों ने सालों से फॉलो किया है, उन्हें मालूम है कि शरद पवार जो बोलते हैं, वो कभी करते हैं, कभी नहीं करते, लेकिन जो वो नहीं बोलते, वो डेफिनेटली करते हैं. शरद पवार की राजनीति की सबसे बड़ी खासियत ही उसकी अनप्रेडिक्टिबिलिटी है. इसलिए जाहिर है महाराष्ट्र में शरद पवार की अमित शाह से मुलाकात पर खलबली तो मचेगी ही.

सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है, “एनसीपी और बीजेपी एक दूसरे के करीब आ रही है. इसमें कोई शंका नहीं है. जिस तरह से कोई सेना हमला करने या पीछे मुड़ने से पहले कवर फायर देती है, बिलकुल वैसा ही होता हुआ हमने आज (मंगलवार) देखा. नवाब मलिक की प्रेस कॉन्फ्रेंस सिर्फ शरद पवार और अमित शाह की मुलाकात को कवर अप करने के लिए थी. शायद ठाकरे को यह दिखाने के लिए थी कि हम भाजपा विरोधी हैं.” शरद पवार ने ट्वीट कर मुलाकात के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने लिखा है, “सबसे पहले मैंने अमित शाह को देश के पहले सहकारी मंत्री बनने के लिए बधाई दी. इस मुलाकात में हमने देश के शक्कर उद्योग की परिस्थिति और शक्कर के अतिरिक्त उत्पादन से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की.”

इस ट्वीट के साथ शरद पवार ने अमित शाह को दिए गए अपने पत्र की डुप्लिकेट कॉपी भी शेयर की. शरद पवार ने अपने ट्वीट में लिखा, “हमने शक्कर उद्योग से संबंधित दो अहम विषयों पर अमित शाह का ध्यान केंद्रित किया. इन मुद्दों में शक्कर उद्योग की एमएसपी प्राइस और शक्कर कारखानों के परिसर में इथेनॉल मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट बैठाना शामिल है. हमें आशा है कि इन समस्याओं पर सरकार तुरंत ध्यान देगी और सहकारिता के मंत्र को पूरा करने के लिए कदम उठाएगी.”

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