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मुंबई, महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल १२वीं के नतीजे कल घोषित किए गए। इस साल ९९.६३ प्रतिशत परीक्षा के परिणाम आए हैं। इस बार भी छात्रों के मुकाबले छात्राएं आगे रही हैं। इस साल कोकण के विद्यार्थियों ने बाजी मारी है। बारहवीं की परीक्षा में मुंबई, पुणे, नागपुर, संभाजीनगर, कोल्हापुर, अमरावती, नासिक, लातुर और कोकण विभागीय मंडल से विज्ञान, कला, वाणिज्य व एचएससी वोकेशनल पाठ्यक्रम के कुल १३,१९,७५४ नियमित विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया था। इसमें से १३,१४,९६५ विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। इस परीक्षा में राज्य के ९ विभागीय मंडलों से सभी शाखा के कुल ६६,८७१ रिपीटर विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया था। उसमें से ६३,०६३ विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए और परीक्षा परिणाम ९४.३१ फीसदी रहा।
सभी विभागीय मंडलों से नियमित विद्यार्थियों का कोकण विभाग का परीक्षा परिणाम सर्वाधिक ९९.८१³ है। सबसे कम संभाजी नगर विभाग का परीक्षा परिणाम ९९.३४³ रहा। सभी मंडलों के नियमित छात्रों का परिणाम ९९.७३ प्रतिशत और छात्राओं का परिणाम ९९.५४ प्रतिशत रहा। छात्राओं का परिणाम प्रतिशत छात्रों की तुलना में ०.१९³ अधिक है। दिव्यांग विद्यार्थियों का रिजल्ट ९९.५९ फीसदी है। स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने पास होनेवाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी है। इस साल तमाम बोर्डों की तरह महाराष्ट्र बोर्ड ने भी कोरोना महामारी की दूसरी लहर के घातक परिणाम को देखते हुए परीक्षाएं रद्द कर दी थीं। बोर्ड ने मूल्यांकन के आधार पर १२वीं के परीक्षा परिणाम घोषित किए हैं।
सीबीएसई के दसवीं का ९९.०४ फीसदी रहा परीक्षाफल
सीबीएसई बोर्ड के दसवीं कक्षा के परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। परीक्षा परिणाम ९९.०४ प्रतिशत आया है। यहां भी छात्रों के मुकाबले छात्राओं के उत्तीर्ण होने का प्रतिशत ज्यादा रहा है। छात्राओं ने छात्रों को ०.३५ प्रतिशत से पीछे छोड़ दिया है। छात्रों के पास होने का प्रतिशत ९८.८९ फीसदी रहा जबकि छात्राओं का ९९.२४ फीसदी रहा। इस शैक्षणिक वर्ष दसवीं कक्षा में ५७ हजार से अधिक विद्यार्थियों के ९५ प्रतिशत से अधिक अंक आए हैं, वहीं दो लाख से अधिक विद्यार्थियों ने ९० से ९५ प्रतिशत के बीच अंक हासिल किए हैं। सीबीएसई नतीजों में जिलों में त्रिवेंद्रम ने सबसे अधिक ९९.९९ प्रतिशत उत्तीर्ण किया है, उसके बाद बेंगलुरु ने ९९.९६ प्रतिशत और चेन्नई ने ९९.९४ प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। दिल्ली पूर्व को ९७.८० प्रतिशत जबकि दिल्ली पश्चिम ने ९८.७४ प्रतिशत पास किया है। इस वर्ष ९९.०४ फीसदी विद्यार्थी पास हुए हैं जबकि पिछले साल का परिणाम ९१.४६ फीसदी और वर्ष २०१९ में ९१.१० फीसदी रहा था।


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