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मुंबई : कोरोना की तीसरी लहर का कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में कोविड -19 की तीसरी लहर दूसरी लहर की तुलना में कम गंभीर होने की संभावना है क्योंकि शहर के करीब 80 प्रतिशत लोग पहले ही वायरस के संपर्क में आ चुके हैं. टीआईएफआर स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड कंप्यूटर साइंस के डीन डॉ संदीप जुनेजा ने बताया कि तीसरी लहर में दोबारा संक्रमित होने की संभावना कम है. उनका कहना है कि जो लोग पहली लहर के दौरान संक्रमित हुए थे वे एंटीबॉडी के घटते स्तर के साथ दोबारा संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन दोबारा संक्रमित होने के मामलों की तलाश और निगरानी करने से अधिकारियों को संभावित तीसरी लहर से कुशलता से निपटने में मदद मिलेगी.

बता दें कि देश में कोरोना के 17 महीने हो चुके हैं, और 2020 में पहली लहर में संक्रमित लोग एंटीबॉडी के स्तर में गिरावट के कारण वे फिर से कमजोर हो सकते हैं. डॉ जुनेजा ने कहा कि अगर शहर के 20 प्रतिशत निवासियों को जो अभी तक वायरस के संपर्क में नहीं आए हैं, उन्हें टीका लगाया जाता है, तो इससे पुन: संक्रमण के मामलों पर नजर रखने में मदद मिलेगी. रिपोर्ट में अन्य परिदृश्यों को भी ध्यान में रखा गया है, जिसमें 80 प्रतिशत लोगों में से 10 प्रतिशत दोबारा संक्रमित होने वाले शामिल हैं, जो ठीक हो गए हैं, या अगर कोई नया संस्करण पाया जाता है जो डेल्टा संस्करण की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक वायरल है. रिपोर्ट में अन्य कारकों पर भी विचार किया गया है जो लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं, जैसे कि कोविड -19 टीकों की खराब प्रभावशीलता, या शहर को 60 प्रतिशत के स्तर पर खोलना.

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