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मुंबई : दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई क्लोज डोर मीटिंग को लेकर शुरु चर्चाओं पर विराम देते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट किया है कि अब शिवसेना-भाजपा के बीच युति संभव नहीं है। शिवसेना के स्थापना दिवस पर शिवसैनिकों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने करोना सहित अन्य विषयों पर खुल कर अपनी बात कही। उन्होंने भाजपा पर जोरदार हमला करते हुए महाविकास आघाड़ी के घटक दल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम सत्ता के लिए लाचार नहीं हैं। शिवसेना की स्थापना दूसरों की पालकी ढोने के लिए नहीं हुई है। हम स्वाभिमान के साथ अपने बल पर आगे बढ़ रहे हैं। दिनों दिन शिवसेना की ताकत बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्वबल का नारा देने के लिए महाविकास आघाड़ी की सहयोगी कांग्रेस को सुनाया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग स्वबल का नारा दे रहे हैं। हम भी स्वबल का नारा देते हैं। स्वबल अभिमान का स्वाभिमान का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने अनेकों का रंग एवं अंतर्मन देखा है।जिसकी वजह से अनुभव का पिटारा लेकर आगे बढ़ रहा हूं। अनेक लोग स्वबल का नारा दे रहे हैं हम भी स्वबल का नारा देंगे। न्याय मांगने के लिए भी स्वबल लगता है। अन्याय हो रहा है और न्याय मांगने के लिए भी स्वबल नहीं है। तलवार उठाने की हिम्मत नहीं है। पहले तलवार उठाने की ताकत पैदा करिए फिर वार करिए। हमारे लिए स्वबल का अर्थ यह है। चुनाव आते रहते हैं। हारजीत होती रहती है। कौन हारता है कौन जीतता है। जीते तो आनंद, लेकिन हारने के बाद भी पराभूत मानसिकता नुकसान करती है। ठाकरे ने कहा कि अनेक राजनीतिक दल कोरोना संकट के समय स्वबल का नारा दे रहे हैं। ताकत दिखानी ही चाहिए, लेकिन अनेक लोग हैं अनेक मांगे कर रहे हैं। दुकानों को खोलो, व्यायामशाला खोला जैसी मांग कर रहे हैं। खुद की ताकत होनी ही चाहिए। स्वबल एवं आत्मविश्वास शिवसेना ने दिया है। मुंबई में मराठी व्यक्ति की गिनती निम्न स्तर के लोगों में थी। अपमानजनक जीवन था, लेकिन बालासाहेब ने मराठी व्यक्ति को स्वाभिमान दिया। स्वबल का नारा हमारा अधिकार है। केवल चुनाव के लिए नहीं, बल्कि न्याय व अधिकार के लिए है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं  गृहमंत्री अमित शाह की चुनौती को स्वीकार करते हुए ममता बनर्जी ने भारी विजय हासिल की। पश्चिम बंगाल में भले ही ममता जीतीं तब भी मैं बंगाल की जनता का विशेष प्रशंसा करुंगा। अनेक हमलों को झेलने के बावजूद उन्होंने निर्भयता से अपना वोट दिया। अपनी ताकत, स्वत्व, अस्मिता दिखा दिया। इसी को स्वबल कहते हैं। पिछले दिनों दादर स्थित शिवसेना भवन के सामने हुई घटना का जिक्र करते हुए शिवसैनिकों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि शिवसेना की चर्चा हो रही है, लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि शिवसेना खून खराबा एवं हिंसा करने के लिए नहीं है। कोरोना काल में शिवसैनिकों ने रक्तदान किया। जिससे तमाम लोगों की जान बचाई गयी।

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