लोकल में दिखा लेवल २ का असर
मुंबई, राज्य सरकार द्वारा ‘ब्रेक द चेन’ में ढील देने के बाद ७ जून से उपनगरीय ट्रेनों के यात्री बढ़ने लगे हैं। हालांकि लोकल ट्रेनों में यात्रा को लेकर पहले की गाइडलाइंस में कोई फेरबदल नहीं किया गया है। रेलवे से प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि लोकल ट्रेनों में दस लाख यात्रियों का इजाफा हुआ है। पश्चिम और मध्य रेलवे को मिलाकर रोजाना करीब ३० लाख यात्री फिलहाल सफर करने लगे हैं।
ऑक्सीजन बेड्स की उपलब्धता के आधार पर मुंबई, पालघर अब लेवल २ में आ चुके हैं, जबकि ठाणे लेवल ३ और रायगढ़ अभी भी लेवल ४ में है। राज्य सरकार की नई गाइडलाइंस के हिसाब से लेवल २ होने के बाद सरकारी संस्थानों में कर्मचारियों की उपस्थिति १०० प्रतिशत कर दी गई, जबकि इससे पहले उपस्थिति ५० प्रतिशत थी। कर्मचारियों की संख्या बढ़ने का असर लोकल ट्रेनों में भी दिखाई देने लगा है।
१ अप्रैल, २०२१ से प्रतिबंध लगने के बाद यात्रियों की संख्या करीब दस लाख रह गई थी लेकिन मई में ढील मिलने के बाद यात्रियों की संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि होती गई। महाराष्ट्र में ७ जून से प्रतिबंध में ढील हुई थी लेकिन ४ जून को मध्य रेलवे पर करीब ११ लाख और पश्चिम रेलवे पर करीब ९ लाख यात्रियों ने सफर किया था। रेलवे के अनुसार सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की संख्या में इजाफा करने के कारण ऐसा हुआ।
निजी दफ्तरों के कर्मचारियों के लिए अभी भी वर्क प्रâॉम होम चल रहा है लेकिन अपवाद के तौर पर देखा जाए तो कई संस्थान चल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो मुंबई लोकल में करीब ३५ प्रतिशत सामान्य यात्री चल रहे हैं। बारिश होने पर ऐसे यात्रियों की संख्या घट जाती है, जिन्हें अनुमति नहीं है। उदाहरण के तौर पर जब ९ जून को मुंबई में मूसलाधार बारिश हुई थी उस दिन मध्य रेलवे पर करीब ६.५ लाख यात्रियों ने सफर किया था, जबकि १० जून को यात्री संख्या १५ लाख हो गई।