संकट मोचक रेलवे ने आइसोलेशन कोच तैयार कर इस महामारी से लड़ने की पहल की
मुंबई : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर विकराल रूप लेती जा रही है। ऑक्सीजन और अन्य दवाओं के साथ ही अस्पतालों में बेड न मिलने की शिकायतें भी मिल रही है। ऐसे में देश की संकट मोचक रेलवे ने आइसोलेशन कोच तैयार कर इस महामारी से लड़ने की पहल की है। पिछले महीने महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में आइसोलेशन कोच मुहैया कराने के बाद अब पश्चिम रेलवे द्वारा पालघर स्टेशन पर २१ आइसोलेशन कोच लगाए गए हैं। पश्चिम रेलवे द्वारा अलग-अलग स्थानों पर कुल ३८६ कोच मुहैया कराए गए हैं।
रेलवे के अनुसार स्थानीय प्रशासन की मांग पर ये कोच मुहैया कराए गए हैं। अब जिला प्रशासन को इन कोच में मरीजों के लिए जरूरी व्यवस्था करने के लिए २-३ दिनों की जरूरत है। ५ मई तक ये कोच संक्रमित मरीजों के लिए उपलब्ध हो जाएंगे।पालघर में कोरोना मरीजों की देखभाल और उपचार के लिए २१ डिब्बों का एक रेक उपलब्ध कराया गया है। प्रत्येक कोच में १६ मरीजों व पूरे रेक में ३३६ मरीजों को रखा जा सकता है। प्रत्येक डिब्बे में २ ऑक्सीजन सिलिंडर, डस्टबिन और हर मरीज के लिए चादर, तकिया व नैपकिन की व्यवस्था की गई है। साथ ही प्रत्येक डिब्बे में पानी की समुचित व्यवस्था के साथ एक बाथरूम और तीन शौचालय उपलब्ध कराए गए हैं।पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए १२८ कोच तैयार रखे गए हैं, इनमें से २१ कोच पालघर में लगाए गए हैं। महाराष्ट्र के सुदूर इलाकों और देशभर के ग्रामीण इलाकों में रेलवे के आइसोलेशन कोच बहुत काम आएंगे। नंदुरबार में इस साल पहली बार आइसोलेशन कोच लगाए गए थे।