सचिन वाझे की डायरी से खुला राज, वसूली पर मिलता था कमीशन
मुंबई : एंटीलिया विस्फोटक और मनसुख हत्याकांड मामले में हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। एनआईए की जांच में सचिन वाझे की एक डायरी मिली है, जिससे वसूली का राज खुला है। इस डायरी से पता चलता है कि विनायक शिंदे, वाझे के नाम पर ठाणे और नई मुंबई के बार, पब व हुक्का क्लब आदि अवैध धंधे करनेवालों से हफ्ता वसूलता था। सचिन वाझे इस वसूली गई रकम में से कुछ हिस्सा विनायक शिंदे को कमीशन के तौर पर देता था। एनआईए सूत्रों की मानें तो इसी कमीशन के लालच में विनायक शिंदे, सचिन वाझे द्वारा रची गई मनसुख हत्याकांड की साजिश का हिस्सा बना था।
एनआईए की जांच में पता चला है कि एंटीलिया के पास स्कॉर्पियो में मिला विस्फोटक (जिलेटीन) खुद सचिन वाझे ने खरीदा था। इसके बाद एंटीलिया के पास विस्फोटक लदी कार वाझे का निजी वाहनचालक ले गया था। हालांकि उस वक्त खुद वाझे भी एक अन्य इनोवा कार में स्कॉर्पियो कार का पीछा कर रहे थे ताकि कोई पुलिसवाला कार को रोके नहीं। रात १० बजे स्कॉर्पियो को पार्क करने के बाद स्कॉर्पियो का ड्राइवर कार से बाहर निकला और इनोवा कार में बैठकर वाझे के साथ वहां से चला गया। कुछ देर बाद वाझे वहां लेटर रखने के लिए उसी इनोवा कार से दोबारा पहुंचा था लेकिन उस वक्त इनोवा का नंबर बदला हुआ था। धमकी वाला पत्र स्कॉर्पियो में रखने के लिए वाझे इनोवा कार से निकला और वह सीसीटीवी वैâमरे में वैâद हो गया। उस वक्त उसने एक कुर्ता पहना था। फिर स्कॉर्पियो में धमकी भरा पत्र रखा, तभी सचिन वाझे सीसीटीवी में कैद हुआ।
एनआईए सूत्रों ने दावा किया है कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने विस्फोटक की खरीद की थी। सूत्रों ने यह भी बताया कि सचिन वाझे ने अपने ड्राइवर के साथ मिलकर अंबानी के आवास के निकट स्कॉर्पियो खड़ी की थी। एनआईए के पास इसकी सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध है, जिससे घटनास्थल पर वाझे की मौजूदगी की पुष्टि होती है। फिलहाल एनआईए की टीम मुंबई पुलिस आयुक्त के कार्यालय और आस-पास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज जुटा रही है, ताकि वाझे की गतिविधियों से जुड़ी और जानकारी मिल सके। एनआईए की टीम इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी वाझे ने मुंबई पुलिस आयुक्त कार्यालय और आसपास के इलाके के किसी डीवीआर को नष्ट तो नहीं किया है?
मनसुख हिरेन की स्कॉर्पियो कार चोरी की जो एफआईआर दर्ज कराई गई थी, वह रद्द होगी। मनसुख ने १७ फरवरी को विक्रोली पुलिस स्टेशन में कार चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन अब जांच में पता चला है कि मनसुख ने अपनी स्कॉर्पियो को मुलुंड-ऐरोली रोड पर पार्क किया था और उसके बाद वह उसी दिन मुंबई पुलिस मुख्यालय आया तथा कार की चाबी सचिन वाझे को सौंपी थी। उसी चाबी की मदद से वाझे के निजी ड्राइवर ने उक्त स्कॉर्पियो कार को साकेत हाउसिंग सोसाइटी में ले जाकर खड़ा किया था। वह कार २४ फरवरी की रात तक वहीं रही जबकि मनसुख ने विक्रोली पुलिस स्टेशन में कार चोरी की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। अत: अब पुलिस बी समरी रिपोर्ट दर्ज करके कार चोरी की झूठी एफआईआर को रद्द करेगी।