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मुंबई : बेलगांव में मराठी भाषियों पर अत्याचार हो रहा है। इस अत्याचार पर किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया तो महाराष्ट्र सरकार को पूरी ताकत से बेलगांव में उतरना पड़ेगा। फिर सिर फूट गए तो रोते हुए केंद्र के पास मत जाना, ऐसी चेतावनी शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत ने कर्नाटक को दी है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में निर्माण होनेवाली परिस्थिति के लिए केंद्र सरकार ही जिम्मेदार होगी।

बेलगांव देश का ही हिस्सा है। यदि कर्नाटक के लोग मुंबई, महाराष्ट्र में आ सकते हैं तो मराठी भाषियों का बेलगांव में आने का विरोध क्यों? राष्ट्रीय एकता का हम सम्मान करते हैं और उतनी ही जिम्मेदारी कर्नाटक सरकार की भी है। यदि कठोर कदम उठाने के लिए हमें मजबूर किया गया तो यह सरकारी नहीं, बल्कि राजनीतिक कदम होंगे। तब रोते हुए दिल्ली न जाना। इन शब्दों में शिवसेना नेता संजय राऊत ने चेतावनी दी है।

बेलगांव में पिछले ८ दिनों से वहां के मराठी लोगों पर हमले हो रहे हैं। शिवसेना के प्रमुख कार्यकर्ताओं पर प्राणघातक हमले किए जा रहे हैं। यह बेहद चिंताजनक है। पश्चिम बंगाल में हमले होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिंता व्यक्त करते हैं लेकिन जब बेलगांव में मराठी भाषियों पर हमले हो रहे हैं तब प्रधानमंत्री और देश के गृहमंत्री अमित शाह चुप क्यों हैं? ऐसा सवाल शिवसेना नेता संजय राऊत ने केंद्र के सत्ताधारी भाजपा नेताओं से पूछा है।


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