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मुंबई : मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सांसद मोहन डेलकर आत्महत्या और मनसुख हिरेन की मौत के मामले को लेकर कल विपक्षी दल भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहले फांसी दो, फिर जांच करो विपक्ष की ये नया तरीका ठीक नहीं है। क्या विपक्ष देश की न्याय-व्यवस्था को बदलना चाहता है? उन्होंने कहा कि एपीआई सचिन वझे को ओसामा बिन लादेन ठहराने का माहौल तैयार किया जा रहा है।

बजट सत्र समापन के बाद मुख्यमंत्री विधानभवन परिसर में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, गृहमंत्री अनिल देशमुख और संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि डेलकर और हिरेन प्रकरण को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। मामले की निष्पक्ष जांच चल रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जांच के बाद ही दोषी को सजा देना देश की न्याय-व्यवस्था है लेकिन पहले फांसी दो, फिर जांच करो, विपक्ष की यह नई भूमिका ठीक नहीं है। क्या विपक्ष देश की न्याय-व्यवस्था को बदलना चाहता है? उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारी वझे का शिवसेना से संबंध अर्से पहले था। हालांकि उन्होंने कभी शिवसेना की सदस्यता का पंजीकरण नहीं कराया। शिवसेना से उनका कोई संबंध नहीं था। वझे मामले की जांच कर रहे थे। क्या वझे ओसामा बिन लादेन हैं? वझे को ओसामा बिन लादेन साबित करने का माहौल बनाया जा रहा है। हिरेन मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होकर ही रहेगी।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कल विपक्ष की जमकर खबर ली। उन्होंने कहा कि विपक्ष हिरेन की सीडीआर होने की बात कह रहा है। यह मामला बेहद गंभीर है। यदि नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस के पास सीडीआर है, तो उसे जांच एजेसिंयों को देना चाहिए। अभी तक विपक्ष की ओर से सीडीआर एटीएस को नहीं दिया गया है। किसी को सजा देने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं बल्कि कोर्ट को है। मामला एनआईए को सौंपने की मांग की जा रही है। यदि जांच केंद्रीय एजेसियां ही करेंगी तो राज्य की जांच एजेसियों की जरूरत ही क्या है? जांच की दिशा बदलने की कोशिश न की जाए।


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