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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी का कारण महामारी के प्रति लोगों की उदासीनता और बीमारी का डर नहीं होना है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ये टिप्पणी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की चर्चा के बाद आई है. आपको बता दें कि संयुक्त सचिव निपुण विनायक, राष्ट्रीय महामारी नियंत्रण केंद्र के उप निदेशक संकेत कुलकर्णी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ट्युबरक्लोसिस एंड रेस्पिरेटरी डिजीज के प्रोफेसर आशीष रंजन की टीम के राज्य का दौरा करने के बाद केंद्र की टिप्पणी सामने आई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक, महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की बीमारी का इलाज करा रहे लोगों की संख्या 90 हजार से अधिक है. सरकार की तरफ से साझा की गई रिपोर्ट के मुताबिक, ‘मामलों में बढ़ोतरी का निश्चित कारण पता नहीं है क्योंकि कोविड-19 से जुड़े मामलों में कमी केवल एक राज्य तक ही सीमित नहीं है. संभावित कारकों की बात करें तो बीमारी का डर नहीं होना, महामारी के प्रति उदासीन होना और कुछ समय पहले ग्राम पंचायतों के चुनाव, शादियों के सीजन, स्कूल खुलने के कारण भीड़ के एकत्रित होने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधनों में में भीड़भाड़ बढ़ना हो सकता है.’

केंद्र ने कहा, ‘कोताही नहीं बरतें. निगरानी, संक्रमितों के संपर्क में आने वालों का पता लगाने और जांच के मूल नियमों का पालन करें. सूक्ष्म योजनाएं बनाएं और प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करें. गृह पृथक-वास सुनिश्चित करें, हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सौ फीसदी आबादी की जांच करें और प्रसार पर रोक लगाने के लिए संक्रमितों को पृथक करें.’

शनिवार को महाराष्ट्र में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 22 लाख के पार पहुंच गई. प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना 10,187 नए केस सामने आए हैं. कोरोना मरीजों की संख्या बढकर यहां 22,08,586 हो गई है. पिछले  24 घंटे के दौरान महाराष्ट्र में 47 मौतें हुई है जिसके बाद मृतकों का आंकड़ा अब  52,440 हो गया है. वहीं प्रदेश में अब तक 20,62,031 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज यानी कोरोना को मात दे चुके हैं. 


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