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मुंबई, रेमेडिसविर इंजेक्शन 100 mg की कीमत को फिक्स करने के लिए महाराष्ट्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है. कोरोना संक्रमण की वजह से इसकी मांग में तेजी आयी है. इसकी बढ़ी मांग के बाद कई जगहों पर इसकी कीमत बढ़ा कर बेची जा रही है. महाराष्ट्र सरकार में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं यही कारण है कि वहां इसकी डिमांड में भी तेजी आयी है. महाराष्ट्र ने इसकी बढ़ी हुई मांग को देखते हुए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है.

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इस दवा की छह खुराक (प्रत्येक इंजेक्शन) की संक्रमित मरीजों को दी जाती है. रेमेडिसविर एंटीवायरल दवा के तौर पर मशहूर है. रेमेडिसविर कोरोना वायरस के जेनिटक पदार्थ, उसके RNA के मूल तत्व की नकल बनाता है और जब वायरस उस RNA की कॉपी बनाता है तो रेमेडिसविर उसके RNA में चला जाता है. इससे वायरस का रेप्लिकेशन यानि उसकी संख्या बढ़ना बंद हो जाता है.

कोरोना वैक्सीन के आने से पहले इस दवा की मांग तेज थी. अब भी ज्यादातर लोग इसके महत्व को समझते हैं. यही कारण है कि महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में इसकी कीमत में बढोतरी हो रही है. ब्लैक में बेची जा रही इस दवा की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है


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