मुंबई में कबूतरों को खाना बैन का मामला हुआ महाराष्ट्र बनाम बाहरी... दादर की घटना के बाद गरमाई सियासत
मुंबई : महाराष्ट्र में निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। इधर मुंबई में BMC चुनावों से पहले एक नया विवाद खड़ा हो गया है। यह विवाद है कबूतरों को दाना खिलाने को लेकर। मुद्दा सियासी हो गया है और अब इसे स्थानीय बनाम बाहरी बना दिया गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कबूतरों को दाना खिलाने को लेकर सख्ती दिखाई है। चौराहों पर ऐसी जगहों पर बंद करने का आदेश दिया, जहां लोग कबूतरों को दाना डालते हैं। इसी बीच जैन और गुजराती समुदाय के लोगों पर आरोप है कि उन्होंने दादर कबूतरखाना में कबूतरों को दाना खिलाने के लिए ढके गए तिरपाल की शीट को फाड़ दिया।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कबूतरों को दाना खिलाने पर रोक लगाई है। हाई कोर्ट ने यह रोक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण लगाई है। हाई कोर्ट ने यहां तक आदेश दिया कि अगर कोई कबूतरों को दाना डाले तो उसे पकड़कर जेल भेज दें। बीएमसी ने हाई कोर्ट के आदेश पर कबूतरखाने के ऊपर एक तिरपाल की शीट लगाई है।
कबूतरों को दाना खिलाने की पाबंदी का विरोध जैन समुदाय और पशु अधिकार कार्यकर्ता कर रहे हैं। उनका कहना है कि कबूतरों को दाना खिलाने का कोई दूसरा तरीका निकालें नहीं तो पक्षी भूखे मर जाएंगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मंगलवार को एक मीटिंग बुलाई। सीएम ने कहा कि BMC कबूतरों को सीमित दाना खिलाएगी। बुधवार को कबूतरखाने पर तिरपाल ढका था। आरोप है कि नाराज जैन समुदाय ने तिरपाल की शीट फाड़ दी और कबूतरों को दाना खिलाया। BMC ने उन लोगों को दाना खिलाने से रोकने के लिए फिर से तिरपाल की शीट लगाई।