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मुंबई: केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना की आठ करोड़वीं लाभार्थी आयशा शेख को बार-बार गैस के दाम में हो रही वृद्धि की वजह से सिलिंडर भरवाने के लिए दाम चुकाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। बता दें गरीबी रेखा से नीचे रह रहीं महिलाओं को मुफ्त में गैस कनेक्शन मुहैया कराने की पहल के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2019 स्वयं शेख को उज्ज्वला प्रमाणपत्र दिया था। 

शेख की तरह ही औरंगाबाद जिले की लोहगांव निवासी मंदाबाई पाब्ले को भी रसोई गैस सिलिंडर खरीदने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। मराठी समाचार चैनल पर उनका वीडियो प्रसारित हुआ है, जिसमें वह मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी जलाकर खाना बनाती हुई दिख रही हैं। 

उल्लेखनीय है कि 30 वर्षीय शेख को सात सितंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना की आठ करोड़वीं लाभार्थी के तौर पर प्रमाण पत्र दिया था। 

शेख ने नाराजगी जाहिर करते हुए एक समाचार चैनल से कहा, ‘एलपीजी सिलिंडर की कीमत अब मेरे कमरे के किराए से अधिक हो गया है। मैं 600 रुपये किराया देती हूं जबकि रसोई गैस की कीमत 700 से अधिक हो गई है। हम क्या करें? गैस सिलिंडर के लिए खर्च करूं या बाकी खर्चे चलाऊं?’

शेख पांच बच्चों की मां है और दिहाड़ी मजदूरी कर गुजारा करती हैं। वह औरंगाबाद जिले के अजंगता गांव के इंदिरानगर में रहती हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें मुफ्त में गैस कनेक्शन मिला था। एक महीना सिलिंडर इस्तेमाल करने के बाद हम उसे दोबारा भरवा नहीं सके। एक महीने के बाद हमने अपने खर्चों में कटौती कर गैस सिलिंडर भरवाया।’

उन्होंने कहा कि किराया नहीं देने पर मकान मालिक ने कमरा खाली करा लिया। तब से हम अपनी बहन के घर हैं। उन्होंने यह भी कहा, ‘गैस सिलिंडर महंगा हो गया है, मैं अब इसे वहन नहीं कर सकती। यह नाममात्र के लिए मुफ्त है। हम खेत में रहते हैं और दूसरों से अधिक पैसा देकर सिलिंडर देने के लिए कहना पड़ता है। सिलिंडर आपूर्ति घर पर नहीं होती।’



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