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मुंबई : बांद्रा स्थित बीकेसी का इलाका देश के सबसे पॉश और महंगे परिसरों में से एक है। कई देशी और विदेशी कंपनियों के मुख्यालय बीकेसी में मौजूद हैं। यहां की जमीन के टुकड़े की कीमत करोड़ों रुपए में आंकी जाती है। तमाम सुविधा होने के बावजूद एमएमआरडीए के दो कमर्शियल प्लॉट दो साल से खाली पड़े हैं। करीब ६ हजार वर्ग मीटर के प्लॉट के पिछले दो साल से किराए (लीज) पर देने के लिए टेंडर जारी किया जा रहा है लेकिन कोई भी किराएदार नहीं मिल रहा है जबकि बांद्रा की बेशकीमती जमीनों को खरीदने के लिए सैकड़ों लोग मुंहमांगी रकम खर्च करने को तैयार हैं।
बीकेसी के जी ब्लॉक के प्लॉट सी-४४ और सी-४८ के लिए कोई किराएदार नहीं मिल रहा है। मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) २०१९ से ये दोनों कमर्शियल प्लॉट लीज पर देने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए बाकायदा टेंडर भी जारी किया गया है। टेंडर जारी करने के बाद भी प्राधिकरण को जमीन के लिए कोई किराएदार नहीं मिल पा रहा है।
टेंडर को प्रतिसाद नहीं मिलने पर एमएमआरडीए कई बार टेंडर प्रक्रिया की अवधि को आगे बढ़ा चुकी है। एक बार फिर प्लॉट सी-४४ और सी-४८ प्लॉट को लीज पर देने का प्रयास किया जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख ७ जनवरी थी, जिसे बढ़ाकर अब ८ फरवरी कर दिया गया है।
बीकेसी के करीब ६ हजार वर्ग मीटर के दो प्लॉट को व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को लीज पर देकर एमएमआरडीए हर साल करोड़ों रुपए की कमाई करने की योजना पर काम कर रहा है। इस प्लॉट के माध्यम से प्राधिकरण को हर साल करीब २० करोड रुपए की कमाई होने का अनुमान है।
मुंबई समेत एमएमआर रीजन में एमएमआरडीए ने करीब ३४० किमी लंबा मेट्रो का जाल बिछाने की योजना बनाई है। मेट्रो के साथ ही कई सड़कों और ब्रिजों के निर्माण का जिम्मा भी प्राधिकरण के पास है। विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से सरकार ने महानगर का ३० से ३५ प्रतिशत ट्रैफिक कम करने की योजना बनाई है। सभी प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद कभी भी नहीं सोनेवाली मुंबई की रफ्तार और तेज हो जाएगी। शहर में जारी विभिन्न परियोजनाओं के लिए फंड जमा करने के लिए एमएमआरडीए ने बीकेसी के दो प्लॉट को लीज पर देने की योजना बनाई है।



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