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नई दिल्ली  : 21 सितंबर से नौवीं से 12वीं तक के स्कूल खुलने जा रहे हैं। लेकिन कोरोना काल के बाद छात्र जब वापस स्कूल आएंगे तो सब कुछ बदला बदला सा नजर आएगा। बच्चों को अब बबल्स यान कोरोना प्रूफ ग्रुप्स में रखा जाएगा। इससे पहले बच्चों के ग्रुप्स हाउसेस में बंटे होते थे और हर हाउस का एक रंग होता था। बच्चे अपने हाउस के रंग की ही टी-शर्ट पहनते थे। अब नए बबल्स सिस्टम में ग्रुप्स बांटे जाएंगे। हर ग्रुप्स में लगभग 20 बच्चों को रखा जाएगा। कोरोना वायरस के बाद बच्चों को सुरक्षित पढ़ाई देना स्कूलों के लिए एक चैलेंज है लेकिन इससे निपटने के लिए हरियाणा के करनाल और सोनीपत के दो स्कूलों में प्रयोग किया जा रहा है। अगर यह बबल्स सिस्टम का प्रयोग सफल रहा तो पूरे प्रदेश में इसका प्रयोग किया जाएगा। 

स्कूलों में पहले आपका बच्चा जिस भी हाउस में है तो उस रंग की टी-शर्ट या अपने घर के रंग का बैज लगाते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब आपको जिस भी बबल्स ग्रुप में रखा जाएगा उसका एक रंग तय किया जाएगा। आपको अपने बबल्स ग्रुप के रंग का ही मास्क और अपनी बाहों में उसी रंग का रिबन बांधना होगा। इसमें खास बात तो ये है कि बच्चे हर किसी ग्रुप से बात नहीं पाएंगे इसमें बच्चों को जिस रंग का बबल्स ग्रुप असाइन किया गया है उसी ग्रुप के बच्चों से ही बातचीत कर सकते हैं। इसके अलावा संस्थान में सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखा जा रहा है इसके अलावा अब स्कूलों का अनुभव पूरी तरह से बदल जाएगा।


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