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नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत ने बुधवार को मशहूर गेमिंग ऐप पबजी समेत 118 और मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। ये ऐप चीन की कंपनियों से जुड़े हुए है। इससे पहले जून में भारत ने टिकटॉक समते 59 चीनी ऐप पर बैन लगाया था। जुलाई में भी चीन से जुड़े 47 मोबाइल ऐप प्रतिबंधित किए गए थे। इस तरह अब तक चीन से जुड़े कुल 224 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लग चुका है। आइए समझते हैं कि ये ऐप बैन चीन के लिए कितनी बड़ी चोट हैं और इसके जरिए भारत क्या संदेश देना चाहता है।

बुधवार को जिन मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाया गया उनमें पबजी, पबजी लाइट समेत बायदू, बायदू एक्सप्रेस एडिशन, अलीपे, टेनसेंट वॉचलिस्ट, फेसयू, वीचैट रीडिंग, गवर्नमेंट वीचैट, टेनसेंट वेयुन, आपुस लॉन्चर प्रो, आपुस सिक्यॉरिटी, कट कट, शेयरसेवा बाइ शाओमी और कैमकार्ड जैसे ऐप शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर ऐप के भारत में बड़ी तादाद में यूजर्स थे। कई भारतीय युवाओं को तो लोकप्रिय गेमिंग ऐप पबजी की एक तरह से लत लगी हुई है। बात अगर भारत में पबजी ऐप के डाउनलोड की करें तो इसे 5 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका था। भारत में उसके 3.3 करोड़ ऐक्टिव यूजर थे, जो बहुत बड़ी संख्या है। अब इन पर प्रतिबंधों से चीनी कंपनियों की कमाई सीधे-सीधे प्रभावित होगी। पबजी को वैसे तो एक साउथ कोरियन कंपनी ने डिवेलप किया था लेकिन इसके जितने भी वर्जन जारी होते हैं, उसे चीनी कंपनी टेंसेंट जारी करती है। चीन को होने वाले नुकसान का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि जब जून के आखिर में टिकटॉक, शेयर इट, यूसी ब्राउजर जैसे चाइनीज ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया था तब वहां की प्रॉपेगैंड साइट ग्लोबल टाइम्स ने चीनी कंपनियों को हजारों करोड़ रुपये नुकसान होने की आशंका जताई थी। यही वजह है कि ऐप बैन को चीन पर डिजिटल स्ट्राइक तक कहा गया।

टिकटॉक भारत में इस कदर लोकप्रिय था कि दुनिया में उसके सबसे ज्यादा यूजर यहीं पर थे। जब टिकटॉक, हेलो, लाइकी, यूसी ब्राउजर, शेयरइट जैसे 59 ऐप्स पर प्रतिबंध की गाज गिरी थी तब चीन की सरकारी न्यूज वेबसाइट ग्लोबल टाइम्स ने चीनी कंपनियों को 6 अरब डॉलर यानी करीब 45 हजार करोड़ रुपये का झटका लगने की बात कही थी। अकेले टिकटॉक को सालाना करीब 720 करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही गई थी। टिकटॉक की हालत इतनी खराब हुई कि अब उसे अमेरिकी कंपनियों के हाथों बेचे जाने की नौबत आ चुकी है। सिर्फ 59 ऐप पर बैन से अगर चीनी कंपनियों को 45 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है तो 224 मोबाइल ऐप पर बैन चीन के लिए कितना बड़ा झटका है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

गेमिंग की दुनिया में डंका बजाने वाले पबजी मोबाइल ऐप के सबसे ज्यादा यूजर भारत में ही हैं। यह गेम गूगल प्ले स्टोर पर टॉप 5 में शुमार था। एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 2020 के पहले क्वॉर्टर में पबजी को 6 करोड़ लोगों को डाउनलोड किया था। इतना ही नहीं, मई में पबजी दुनिया का सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाला मोबाइल गेम बना था। उसे 22.6 करोड़ डॉलर यानी करीब 1700 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। अब भारत में बैन से न सिर्फ पबजी का यूजर बेस घटेगा बल्कि तगड़ी आर्थिक चोट भी पहुंचेगी। 

सेंसरटावर के आंकड़ों के मुताबिक टिकटॉक बनाने वाली कंपनी बाइट डांस को भारत में 2019 की चौथी तिमाही में 377 करोड़ रुपये की आय हुई थी। साल दर साल के हिसाब से टिकटॉक की कमाई चौथी तिमाही में करीब 310 गुना बढ़ गई। पूरे 2019 वित्त वर्ष में कंपनी को करीब 720 करोड़ रुपये की कमाई सिर्फ टिकटॉक के जरिए हुई थी। यानी सिर्फ टिकटॉक बंद होने से ही चीन को हर साल करीब 720 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। भारत में करीब 11.9 करोड़ लोग टिकटॉक इस्तेमाल करते हैं।

चीनी मोबाइल ऐप्स पर बैन के जरिए भारत ने चीन को स्पष्ट संदेश दिया है कि नई दिल्ली ऐप्स की आड़ में भारतीयों के विशाल यूजर डेटा की चोरी नहीं होने देगा। सरकार ने भारत की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा और शांति-व्यवस्था के लिए खतरा बताते हुए इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है। ऐसी शिकायतें थी कि ये तमाम ऐप अवैध तौर पर यूजर्स से जुड़े महत्वपूर्ण डेटा को भारत से बाहर स्थित सर्वर को भेजते थे। 

टिकटॉक जैसे ऐप पर तो प्रतिबंध की मांग काफी पहले से उठ रही थी क्योंकि उस पर तमाम आपत्तिजनक कंटेंट मौजूद थे। भारत ने जब पहली बार 59 चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाया था तब बौखलाए चीन ने इसे डब्लूटीओ की शर्तों का उल्लंघन बताया था। उसके बाद भी भारत ने न सिर्फ चीन की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए जुलाई में 47 और 2 सितंबर को अन्य 118 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया। यह चीन को दो-टूक संदेश था कि भारत किसी भी दबाव में झुकने वाला नहीं है। उसकी संप्रभुता, सुरक्षा पर किसी भी तरह का खतरा आएगा चाहे वह सरहद पर हो या साइबर वर्ल्ड में, वह सख्त से सख्त कदम उठाने से नहीं हिचकेगा। भारत सैन्य मोर्चे के साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर भी चीन को स्पष्ट संदेश दे रहा है। 

इसके पीछे एक संदेश 'आत्मनिर्भर भारत' का भी छिपा हुआ है। इन चीनी ऐप्स से देश की सुरक्षा के लिए खतरा तो था ही, यूजर्स डेटा के चोरी और उनके दुरुपयोग का खतरा भी था। अब इन पर बैन से उनके विकल्प के तौर पर देसी ऐप्स के विकास का रास्ता भी साफ होगा। टिकटॉक, कैम स्कैनर जैसे ऐप के तो पहले ही देसी विकल्प मिल चुके हैं जो अब तेजी से लोकप्रिय भी हो रहे हैं।


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