मुंबई : केवल 5 को मिली आर्थिक सहायता, बीएमसी कर्मचारियों में आक्रोश
मुंबई : मुंबई में कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए जब सभी लोग अपने घरों में थे, उस समय कोरोना योद्धा लोगों की सेवा में लगे थे. लोगों की मदद करते समय संक्रमित होकर बीएमसी के 125 कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो गई. बीएमसी ने मृत कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख रुपये और एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया था लेकिन अभी तक मात्र 5 कर्मचारियों के सदस्यों को सहायता मिल सकी है. कर्मचारियों के परिजनों को नौकरी और सहायता राशि नहीं मिलने से कर्मचारियों के साथ बीएमसी यूनियन में भी गुस्सा है.
बीएमसी का कहना है कि 50 लाख रुपये की घोषणा केंद्र सरकार ने की थी. केंद्र अब सहायता राशि नहीं भेज रहा है. यूनियन की मांग है कि बीएमसी अपने कर्मचारियों से किए गए वादे का पालन करे. मुंबई में मार्च महीने से कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू है. तब से ही बीएमसी के कर्मचारी कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में जुटे हैं. कोविड मरीजों के संपर्क में आने से बीएमसी के 2200 से अधिक कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं. जिसमें से 125 कर्मचारियों की मौत हो गई है.
कोरोना से लड़ाई करते समय मृत होने वाले कोरोना योद्धाओं के वारिसों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत बीमा के तौर पर 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद करने की घोषणा केंद्र सरकार ने की थी. केंद्र सरकार के पास बीएमसी ने 125 मृत कर्मचारियों का प्रस्ताव भेजा है जिसमें से केवल 5 कर्मचारियों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्राप्त हुई है. बीएमसी अधिकारी के अनुसार बीएमसी की तरफ से प्रस्तुत किए गए दावे में से 125 कर्मचारियों में 50 कर्मचारी स्वास्थ्य सेवा के अलावा दूसरे विभाग में कार्यरत थे. इसमें से 25 कर्मचारी सीधे कोरोना नियंत्रण में शामिल थे. 5 कर्मचारी स्वास्थ्य सेवा के कर्मचारी नहीं होने के कारण बीमा शर्तों में नहीं आ रहे हैं. इसमें भोजन वितरण में शामिल कर्मचारी, क्लर्क, पंपिंग स्टेशन और घन कचरा विभाग के कर्मचारी थे. इन कर्मचारियों को भी बीमा योजना में शामिल करने का अनुरोध पत्र केंद्र सरकार को भेजा गया है.
बीएमसी कर्मचारी यूनियन के महासचिव एड. प्रकाश देवीदास ने बताया कि बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल के साथ बैठक में कमिश्नर ने आश्वासन दिया था कि कोरोना से लड़ाई में जो भी कर्मचारी सहभागी होंगे मृत्यु होने पर उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी और 50 लाख रुपए दिए जाएंगे. अब केंद्र सरकार नहीं दे रही है ऐसा बोलकर नहीं चलने वाला है. कमिश्नर ने जो वादा किया था उसे पूरा करें.