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मुंबई : एक प्राइवेट पैथालॉजी लैब में चल रही ऐंटिबॉडी टेस्ट में खुलासा हुआ है कि बड़ी संख्या में मुंबईकरों को कोरोना होकर ठीक भी हो गया, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं हुई। लैब ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लोगों की जांच में सामने आया है कि कुछ लोगों में ऐंटिबॉडीज तैयार हो गई है, जिससे यह साबित हो रहा है कि यह लोग कोरोना पॉजिटिव हुए थे, लेकिन इन लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं हुई। 

भाजपा विधायक आशीष शेलार ने इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल को पत्र लिखकर मुंबई के एक लाख लोगों की जांच कराने की मांग की है, ताकि साफ हो सके कि लैब की रिपोर्ट सही है या नहीं! शेलार ने पत्र में कहा है कि एक प्राइवेट लैब में ऐंटिबॉडी टेस्ट कराने आए कुल लोगों में से वर्ली इलाके के 32.15%, घाटकोपर में 36.7%, सांताक्रुज में 31.45% और बांद्रा पश्चिम में 17% लोगों में ऐंटिबॉडीज पहले से ही तैयार हो चुकी हैं। इसका मतलब है कि ये लोग कोरोना पॉजिटिव होकर ठीक भी हो गए, इसका इन्हें पता भी नहीं चला। 

बता दें कि ऐंटिबॉडीज तैयार हो जाने के बाद दोबारा कोरोना बीमारी होने की आशंका कम रहती है। शेलार ने कमिश्नर चहल को लिखे पत्र में मांग की है कि मुंबई में रहने वाले एक लाख लोगों का ऐंटिबॉडीज टेस्ट किया जाए। इसमें बीएमसी कर्मचारी और बेस्ट कर्मचारियों को जरूर शामिल किया जाए। 


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