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भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की शीर्ष परिषद की शुक्रवार को ऑनलाइन होने वाली बैठक में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते मामलों के बीच इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आयोजन का खाका तैयार करना शीर्ष एजेंडा होगा। बैठक के 11 सूत्रीय एजेंडे, जिसकी प्रति पीटीआई के पास भी है, में घरेलू क्रिकेट सत्र पर भी चर्चा की जाएगी जिसमें देश में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए कटौती किए जाने की संभावना है। तीसरा बिंदु पुरुष क्रिकेट टीम के भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) में बदलाव है क्योंकि तीन सीरीज (श्रीलंका और जिंबाब्वे के सीमित ओवरों के दौरे, इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीत) पहले ही रद्द हो चुकी हैं। भारतीय टीम ने पिछला अंतरराष्ट्रीय मैच मार्च में खेला था।

परिषद आईपीएल को लेकर भी चर्चा करेगी जिसे स्वास्थ्य संकट के कारण अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया था। बीसीसीआई सितंबर से नवंबर के शुरू तक लीग के आयोजन की संभावना तलाश रहा है। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि बेशक सभी विकल्पों पर विचार किए जाने की जरूरत है। पहला विकल्प भारत है लेकिन आपको नहीं पता कि स्थिति कैसी रहेगी। बेशक यूएई और श्रीलंका भी हैं लेकिन आईपीएल के विदेश में आयोजन से खर्चा बढ़ेगा। मुझे लगता है कि हाल में अध्यक्ष ने भी यह बात कही थी। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम अब भी इस स्थिति में हैं कि स्थल तय कर सकें। लेकिन योजना और अस्थाई विंडो तैयार रखने की जरूरत है जिससे कि अगले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के टी20 विश्व कप (आस्ट्रेलिया में अक्टूबर-नवंबर में) के रद्द होने की आधिकारिक घोषणा करने पर हम आगे बढ़ सकें।

आईसीसी की बोर्ड बैठक अगले सोमवार को होनी है इसलिए 2021 टी20 विश्व कप की मेजबानी के लिए सरकार से कर छूट प्रमाण पत्र हासिल करना भी एजेंडा में शीर्ष पर होगा। आईसीसी प्रतियोगिताओं के लिए कर छूट विवाद का मुद्दा रहा है और केंद्र सरकार से जरूरी स्वीकृति हासिल करने के लिए बीसीसीआई को दिसंबर तक का समय दिया गया है। जहां तक भारत के एफटीपी का सवाल है तो इंग्लैंड के खिलाफ सितंबर में होने वाली सीमित ओवरों की सीरीज का आयोजन टेस्ट श्रृंखला के बाद फरवरी में किया जा सकता है। बीसीसीआई अगर सीमित ओवरों के मैचों को शामिल करना चाहेगा तो पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में कटौती की जा सकती है जिससे कि सीमित ओवरों के छह मैचों (तीन एकदिवसीय और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय) को शामिल किया जा सके।

श्रीलंका और जिंबाब्वे के स्थगित हुए सीमित ओवरों के दौरे का कार्यक्रम भी दोबारा तय किया जाएगा। बीसीसीआई के लिए हालांकि सबसे बड़ा सिरदर्द देश का घरेलू ढांचा है जिसमें सीनियर पुरुष, अंडर-23 पुरुष, जूनियर लड़के (अंडर-19 और अंडर-16), सीनियर महिला, अंडर-23 महिला, अंडर-19 लड़कियों के वर्ग के टूर्नामेंट शामिल हैं जिसमें सभी प्रारूपों में हजारों मैच होते हैं। अधिकारी ने कहा कि बेशक रणजी ट्रॉफी के कार्यक्रम में बदलाव की जरूरत है। हमें चर्चा करने की जरूरत है कि क्या विजय हजारे, दलीप ट्रॉफी, सैयद मुश्ताक अली का आयोजन लगातार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें किसी एक टूर्नामेंट को रद्द करना पड़ सकता है क्योंकि काफी समय बर्बाद हो गया है। हमें जूनियर घरेलू प्रतियोगिताओं का आयोजन भी करना होगा।


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