गुजरात पर जारी रहेगी मौसम की मार, यूपी, बिहार, उत्तराखंड में भी अलर्ट
नई दिल्ली, एजेंसियां। मौसम विभाग ने मानसून के हिमालय की तलहटी से लगते इलाकों में उत्तर की ओर बढ़ने का अनुमान व्यक्त किया है। इसकी वजह से उत्तरी राज्यों में व्यापक बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग की मानें तो नौ जुलाई से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की ओर से चलने वाली हवाओं की वजह से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, पंजाब एवं हरियाणा के उत्तरी इलाकों, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल के उप-हिमालयी क्षेत्र, सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों के इलाकों में व्यापक बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग ने कहा है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के सुदूरवर्ती स्थानों में भारी से काफी भारी बारिश की संभावना जताई है जबकि सूबे के पश्चिमी हिस्सों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। पूर्वी यूपी में 10 से 12 जुलाई तक, बिहार में 10 से 11 जुलाई तक भारी बारिश का दौर जारी रह सकता है। यही नहीं उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी भागों में बारिश के साथ साथ गरज चमक के साथ आंधी चलने की संभावना है। यही नहीं 11 और 12 जुलाई को उत्तराखंड के कई इलाकों में भारी से बारिश दर्ज की जा सकती है। विभाग के अनुसार, राजस्थान में अगले 24 घंटे बारिश का दौर जारी रहेगा।
विभाग के अनुसार, मानसून का पश्चिमी सिरा अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर है और इसका पूर्वी सिरा अपनी सामान्य स्थिति के नजदीक है। अगले 24 घंटों में इसके धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है। इसका असर कच्छ की खाड़ी और उससे लगते गुजरात पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र पर पड़ने की संभावना है। लिहाजा अगले चार-पांच दिनों के दौरान गुजरात में जगह-जगह बारिश होती रहेगी। विभाग ने बताया कि 9 से 12 जुलाई के बीच उप-हिमालयी बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भारी से ज्यादा भारी बारिश होने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो दिल्ली एनसीआर के इलाकों में आने वाले दो दिन के दौरान हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। हालांकि राजधानी में हल्की बारिश का सिलसिला रविवार तक जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने विभाग ने हिमाचल प्रदेश के अधिकतर इलाकों में बारिश के बाद कुछ हिस्सों के लिए भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। इनमें शिमला, सोलन और आसपास के इलाके शामिल हैं। वहीं महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बुधवार को बारिश का दौर थमता नजर आया और करीब एक हफ्ते बाद लोगों को सूरज के दर्शन हुए।
असम में बाढ़ की स्थिति में बुधवार को और सुधार हुआ। एक जिले में जलस्तर में कमी आई है, हालांकि बाढ़ के कारण एक और व्यक्ति की जान चली गई। राज्य के 12 जिलों में अभी भी 1.7 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। वर्तमान में 348 गांव बाढ़ में डूबे हुए हैं और 26,910.99 हेक्टेयर फसल नष्ट हो गई है। इसके अलावा गोलपाड़ा, बारपेटा, मजूली और लखीमपुर जिलों में सड़कें और अन्य बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है। एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध काजीरंगा नेशनल पार्क में बाढ़ से अब तक 48 जानवरों की जान जा चुकी है।