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मुंबई : चीन के खिलाफ लोगों के गुस्से को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने चीनी कंपनियों के साथ हुए 5000 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट पर रोक लगा दी है. उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा है कि यह कॉन्ट्रैक्ट पहले जैसी स्थिति में है. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की समीक्षा के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा.

कोरोना महामारी और हाल ही में लद्दाख़ सीमा पर 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद चीन के खिलाफ लोगों में जबरदस्त आक्रोश है. जनभावना को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने यह फैसला लिया है. सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने भी महाराष्ट्र सरकार को चीनी कम्पनियों के साथ काम  नहीं करने की सलाह दी है.कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिख कर चीनी कंपनियों के साथ हुए कॉन्ट्रैक्ट को रद्द करने की मांग की थी. महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में हुए ‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0’ कार्यक्रम के तहत चीनी कंपनियों के साथ तीन समझौतों पर करार किया था. 

महाराष्ट्र सरकार ने चीनी कम्पनियों के साथ जो तीन समझौते किए थे, उनमें पुणे के पास तलेगांव में एक ऑटोमोबाइल संयंत्र स्थापित करने के लिए ग्रेट वॉल मोटर्स (जीडब्ल्यूएम) के साथ 3,770 करोड़  रुपए का करार किया गया था.चीन की फोटॉन कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम में पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी ने 1,000 करोड़ रुपये की यूनिट लगाने की योजना बनाई गई थी. इसके अलावा चीन की हेंगली इंजीनियरिंग कंपनी पुणे के तलेगांव प्रोजेक्ट में 250 करोड़ रुपये के निवेश के साथ अपने दूसरे चरण का विस्तार करने वाली थी.


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