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मुंबई : नायर अस्पताल में कोरोना से संक्रमित डायलिसिस के मरीजों की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने काफी मेहनत की है.अस्पताल के डॉक्टरों ने 18 अप्रैल से लेकर अब तक 160 पॉजिटिव मरीज की डायलिसिस की, जिसके चलते उनकी जान बच पाई है. कोरोना के खिलाफ चल रही जंग मरीज और  डॉक्टर दोनों के लिए आसान नहीं है.डॉक्टरों के लिए समस्या तब और भी बढ़ जाती है जब मरीज पहले से ही किडनी फेल्योर जैसी बीमारी से जूझ रहा हो. कोरोना के इलाज के साथ-साथ समय पर डायलिसिस भी होना जरूरी है. ऐसे में नायर अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मचारियों की मेहनत का यह नतीजा है कि अब तक 160 मरीजों के कई डायलिसिस के कई सेशन हुए हैं.

नेफ्रोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. कल्पना मेहता ने बताया कि डायलिसिस के लिए हम 9 मशीन का उपयोग कर रहे हैं, जो कि तीन शिफ्ट में काम कर रही हैं. इन मशीनों को भी जरूरत के अनुसार रखा गया है. जैसे 2 मशीन आईसीयू वार्ड में उन मरीज़ों के लिए है जो ज्यादा सीरियस हैंं. कोरोना संक्रमित डायलिसिस पेशंट 9 से 20 दिन तक अस्पताल में रहते हैंं तो उन्हें बार-बार डायलिसिस सेशन की जरूरत पड़ती है. अब तक 1084 डायलिसिस के सेशन हो चुके हैं. इस सफ़लता के पीछे डॉक्टर, नर्सेज से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का भी बड़ा योगदान है. वार्ड में साफ-सफाई से लेकर बायो मेडिकल वेस्ट को साफ करने का जोखिम भरा काम उनके द्वारा किया जा रहा है. अस्पताल के डीन डॉ. मोहन जोशी ने कहा कि अस्पताल में मरीजों को ठीक कर भेजना हमारी प्राथमिकता है.


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