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मुंबई : मुंबई में कोरोना से लड़ रहे 400 से अधिक डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मी अब तक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. बांद्रा बीकेसी स्थित एशियन हार्ट अस्पताल के 8 नर्स सहित 31 स्टाफ  कोरोना से संक्रमित हो गए हैं. संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती करके अन्य स्टाफ को क्वारंटाइन किया गया है. अस्पताल में नये मरीजों की भर्ती पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है. सोमवार को ही जेजे अस्पताल में डायलिसिस सेंटर में डायलिसिस कराने आए 56 साल के कोरोना मरीज के संपर्क में आने से सेंटर का 2  स्टाफ भी कोरोना से संक्रमित हो गया. डायलिसिस सेंटर को सेनेटाइज कर केवल इमरजेंसी वाले मरीजों का ही डायलिसिस किया जा रहा है. मुंबई में वाक्हार्ड, लीलावती, ब्रीचकैंडी, सैफी, जे जे, नायर, सायन सहित कई अस्पताल के स्टाफ कोरोना के संक्रमण से जूझ रहे हैं. लगातार तीसरे दिन मुंबई के एक और पुलिसकर्मी की कोरोना से मौत हो गई. 

मुंबई में कोरोना के ड़र नर्सिंग होम बंद करने वालों के लायसेंस रद्द करने के आदेश के बाद सोमवार को 1 हजार 68 नर्सिंग होम खुल गए. बीएमसी कमिश्नर प्रवीणसिंह परदेशी ने ‘एपिडेमिक एक्ट 1897 के तहत कार्रवाई करने का आदेश जारी किया था. एपिडेमिक के अनुसार, चिकित्सीय सेवा शुरु रखना अनिवार्य होता है. बीएमसी की चेतावनी के बाद भी नर्सिंग होम बंद कर दिए गए थे. महानगर पालिका क्षेत्र में निजी  नर्सिंग होम और दवाखाने बंद होने से ‘नाॅन कोविड’  मरीजों को उपचार नहीं मिल रहा था.  बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मुंबई में 1 हजार 416 निजी ‘नर्सिंग होम’ में से 1 हजार 68 (75.42 प्रतिशत) शुरु हो गए हैं.  348 ने बीएमसी की चेतावनी के बाद भी दवाखाने बंद रखे हैं. मुंबई के 99 डायलिसिस सेंटरों में से 89 सेंटर  भी शुरु हो गए हैं. कुल 75 फीसदी निजी नर्सिंग होम और दवाखाने शुरु हो चुके हैं, लेकिन 25 फीसदी दवाखाने अब भी बंद हैं. कोरोना के ड़र से दवाखाने बंद करने  वाले दवाखानों को लायसेंस रद्द करने का नोटिस भेजा गया है. 

मुंबई में 3 दिन के भीतर कोरोना से 3 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई. कुर्ला के ट्रैफिक विभाग में तैनात शिवाजी नारायण सोनावणे  कोरोना से संक्रमित थे. सोमवार की उनकी मौत हो गई. इससे पहले 2 पुलिस कर्मियों की मौत पर गृहमंत्री अनिल देशमुख ने 50 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी. मुंबई की महापौर किशोरी पेडणेकर नर्स का ड्रेस पहनकर 18 साल बाद मरीजों की सेवा के लिए नायर अस्पताल पहुंची. पेडणेकर पहले जेएनपीटी अस्पताल में नर्स थीं. अस्पताल में कोरोना से लड़ रही नर्सों के साथ संवाद किया और उनकी समस्याओं को प्रत्यक्ष होकर समझा. पत्रकारों के संपर्क में आने के कारण स्वंय को 14 दिन सेल्स क्वारंटाइन में रह कर वे कामकाज देख रही थीं. कोरोना लक्षण नहीं दिखने के उपरांत सोमवार को नर्स का ड्रेस पहनकर अस्पताल पहुंची.


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