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मुंबई, महाराष्ट्र में कोरोना के साथ साथ राजनीती का भी बोल बाला चल रहा है. इसके केंद्र में इस बार निलेश राणे और  मुख्यमंत्री उद्धव  ठाकरे हैं. निलेश ने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि "भीख में मिली विधायकी का उपयोग महाराष्ट्र के लिए कीजियेगा न कि अपने निहित स्वार्थ के लिए".

विदित हो कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद के विधायक के हिसाब से राज्यपाल कोशियारी ने अनुशंसा कि है. अब इस बात पर निलेश राने का गुस्सा होना स्वाभाविक था. वे पहले भी उद्धव पर कटाक्ष करते रहे हैं. फिर वो राजनीतिक हो या फिर कोई निजी विषय रहा हो. उक्त्त घटना पर उन्होंने यह भी कहा है कि 'उद्धव ठाकरे खुद को  महाराष्ट्र के लिए भाग्यशाली हैं मानते हैंलेकिन खुद के लिए वह ज्यादा भाग्यशाली हैं. उन्हें सब कुछ बैठे बिठाय मिल रहा है. वहीं अब राज्यपाल ने भी विधायकी कि एक साथ उन्हें उपहारस्वरूप दे दी है'. राणे ने यहाँ तक यह भी कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव को  भिक में मिली इस विधायक पद का उपयोग महाराष्ट्र के लिए करना चाहिए नाकि अपने लिए'.

बता दें कि कोरोना संकट के चलते विधान परिषद चुनाव स्थगित कर दिया गया है। जिसके चलते उद्धव ठाकरे को राज्यपाल के कोटा से विधान परिषद में नियुक्ति के लिए अनुशंसा दी गई है. वहीं उक्त्त विषय पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में हुई महा विकास अघाड़ी के बैठक में सरकार के कैबिनेट ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया था .विदित हो कि मंत्री के रूप में शपथ लेने के छह महीने के भीतर, किसी भी विधायी निकाय का सदस्य होना कानूनी रूप से जरुरी  है। अन्यथा, मंत्री का पद खतरे में पड़ने की संभावना रहती है। वहीं श्री ठाकरे  ने नवंबर में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।


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