मुंबई : रेलवे के 892 डिब्बों में तैयार होंगे आइसोलेशन बेड
मुंबई : कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए रेलवे ने अपने 5000 पैसेंजर कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने का निर्णय लिया है.रेलवे बोर्ड के निर्देश से जोनल स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू हो गईं हैं. कोच को आइसोलेशन में तब्दील करने के अलावा रेलवे अपने अस्पतालों में 6500 बिस्तरों को भी कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए तैयार कर रहा है. मध्य रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार ने बताया कि 482 कोच को आइसोलेशन वार्ड के रूप में तब्दील किया जा रहा है.इसी तरह वेस्टर्न रेलवे में 410 कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किए जाने को कहा गया है.सेंट्रल और वेस्टर्न रेलवे ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.रेलवे के सभी 16 जोन मिलकर शुरुआती तौर पर 5 हजार कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर रहे हैं, जबकि आने वाले समय में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 20 हजार रेल कोच को क्वारनटाइन रुम और आइसोलेशन के रूप में बदला जा सकेगा.
रेलवे बोर्ड के अनुसार इन कोच में 2.20 लाख संक्रमित या संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जा सकेगा. नॉन एसी कोच को क्वारन्टीन या आइसोलेशन वार्ड में बदलने किए लिए कोच के प्रत्येक केबिन से मिडल बर्थ निकाले जा रहे हैं.एक कोच में 16 बेड सभी चिकित्सा उपकरणों एवं अन्य जरूरी सुविधाओं युक्त होंगे.इस तरह पहले चरण में 80 हजार आइसोलेटेड बेड तैयार किए जा रहे हैं. कोरोना के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी जंग में रेलवे बड़े पैमाने पर अपनी तैयारी कर रहा है.चीन से सीख लेते हुए तैयारियों को तेज करने का फैसला किया है.
बताया गया है कि रेलवे अपनी 5000 पैसेंजर बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने के लिए दिन रात कार्य कर रहा है.इसी तरह देश भर में फैले रेलवे के जोनल व डिवीजनल अस्पतालों में उपलब्ध 6500 बिस्तरों को कोरोना के इलाज से जुड़ी सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. रेलवे के डाक्टर और पैरामेडिकल कर्मी भी चौबीसों घंटे तैनात रहेंगे. सारी तैयारियां रेलवे की ओर से ऐतिहात के तौर पर की जा रही हैं,ताकि आवश्यकता पड़ने पर इन्हें सरकार को उपलब्ध कराया जा सके.रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार शुरुआत में 5000 कोच आइसोलेशन वार्ड में बदलेगा. लेकिन आगे की तैयारी 20 हजार कोच को आइसोलेशन वार्ड बनाने की है.सरकार की ओर से इशारा मिलते ही काम शुरू कर हो जाएगा.रेलवे के पास 60 हजार से ज्यादा पैसेंजर कोच हैं. 125 अस्पताल रेलवे के पास हैं.इनमें 70 से ज्यादा अस्पतालों में 6500 बेड्स को कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए तैयार किया जा रहा है.रेलवे के मेडिकल स्टॉफ के अलावा जरूरत पड़ने पर प्राइवेट सेक्टर से भी डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की सेवाएं अस्थायी तौर पर लेने के अधिकार जोनल महाप्रबंधकों को दिए गए हैं.