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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते महाराष्ट्र में जिस तरह से बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं, उसने सरकार और प्रशासन की चिंता को बढ़ा दिया है। इस बीच खबर आई थी कि मुंबई में जिन लोगों को कोरोना की वजह से मौत हो रही है उनके शव को जलाया जााएगा, फिर चाहे वह किसी भी धर्म के हो। लेकिन एनसीपी नेता नवाब मलिक ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी है कि उन्होंने इस बाबत बीएमसी के कमिश्नर से बात की है और उन्होंने अपने आदेश को वापस ले लिया है।

नवाब मलिक ने ट्वीट करके इस बाबत जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि मैंने बीएमसी के कमिश्ननर प्रवीन परदेशी से इस बाबत बात की है, जिसके बाद इस सर्कुलर को वापस ले लिया गया है।बता दें कि बीएमसी के कमिश्नर प्रवीन परदेशी ने निर्देश दिया था कि कोरोना वायरस से मरने वालों का अंतिम संस्कार किया जाएगा, फिर चाहे वह किसी भी धर्म के हों। शवों को दफनाने की अनुमति नहीं होगी। अंतिम संस्कार के दौरान 5 से अधिक लोग नहीं इकट्ठा हो सकते हैं। इसके साथ ही बीएमसी के कमिश्नर ने कहा था कि अगर कोई इस बात के लिए दबाव बनाता है कि शव को दफनाना है तो उसे शव को इसी शर्त पर दफनाने की अनुमति होगी कि इसे मुंबई शहर से बाहर दफनाया जाएगा।

बता दें कि कोरोना वायरस के चलते अबतक देश में 29 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1071 लोग इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 92 नए मामले सामने आए है और चार लोगों की इस जानलेवा वायरस से मौत हुई है। बता दें कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के डॉ गंगा केटकर ने जानकारी दी है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के 38,442 परीक्षण किए गए हैं। गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि गृह सचिव ने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि वे फंसे हुए श्रमिकों के लिए भोजन और आश्रय सुनिश्चित करें।

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