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मुंबई : शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने उन सभी मरीजों को निगम अस्पतालों से छुट्टी देने का फैसला किया है जिनकी हालत “स्थिर” है। महानगरपालिका के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि आवश्यकता पड़ने पर पर्याप्त जगह उपलब्ध हो सके। अधिकारी ने बताया कि बीएमसी आयुक्त प्रवीण परदेसी ने इस वैश्विक बीमारी के चलते भविष्य में किसी तरह की आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए महानगरपालिका के अस्पतालों के भीतर कोविड-19 को फैलने से रोकने और चिकित्सीय आपूर्तियों, उपकरण, बेड क्षमता तथा श्रम बल संरक्षित रखने के लिए शुक्रवार देर रात निर्देश जारी किए थे।

इस निर्देश में कहा गया, “विशिष्ट इकाइयों में भर्ती सभी मरीज जिनकी हालत स्थिर है और जिन्हें आगे देखभाल की जरूरत नहीं है, उन्हें तत्काल प्रभाव से अस्पताल से छुट्टी दी जाए।” इसमें यह भी कहा गया, “जिन मरीजों की और देखभाल की जररूत है और जिन्हें अभी छुट्टी नहीं दी जा सकती, वे विशिष्ट इकाइयों में ही रहेंगे।” बीएमसी प्रमुख ने सभी स्थिर मरीजों जिन्हें आगे और अस्पताल में रखे जाने की जरूरत है लेकिन सामान्य अस्पताल में भी उनकी देख-रेख हो सकती है उन सभी को उनके घर के पास स्थित दूसरे दर्जे के अस्पतालों में भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने उच्च रक्तचाप, दमा, मधुमेह, थायराइड, हीमेटोलॉजी और बुजुर्ग देखभाल संबंधी विषयों से निपटने वाले बाह्य रोगी विभागों (ओपीडी) के संचालन पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।

निर्देश में कहा गया, “व्यापक विशिष्टता वाले ओपीडी में रोजाना 100 से अधिक मरीज नहीं देखे जाने चाहिए ताकि मरीजों के बीच पर्याप्त दूरी बनाई जा सके।” परदेसी ने अस्पतालों को नियमित या वैकल्पिक सर्जरी को दो से तीन हफ्ते तक टालने का भी निर्देश दिया है। मुंबई में अब तक 11 लोगों में और पूरे महाराष्ट्र में कम से कम 63 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं राज्य के औरंगाबाद जिले में 800 से ज्यादा लोगों को घरों में पृथक रखा गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इनमें से ज्यादातर एक स्थानीय कॉलेज के छात्र-छात्राएं हैं जहां पिछले हफ्ते एक लेक्चरर कोविड-19 से संक्रमित पाया गया था। 


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