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मध्य प्रदेश : पिछले पांच वर्षों में दस भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के 27 विद्यार्थियों ने आत्महत्या की। इस अवधि में आईआईटी मद्रास के सबसे अधिक सात छात्रों ने खुदकुशी की। इसका खुलासा सूचना के अधिकार (आरटीआई) से हुआ है। देश भर में फिलहाल 23 आईआईटी चल रहे हैं।  मध्य प्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने रविवार को बताया कि उन्हें केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग से सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मिली है। गौड़ की आरटीआई अर्जी पर दो दिसंबर को भेजे जवाब में बताया गया कि इस दौरान कितने छात्रों ने खुदकुशी की।  इस बीच 'सुपर 30' के संस्थापक आनंद कुमार ने शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्र-छात्राओं की आत्महत्या के मामलों पर चिंता जताई है।
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक इंदौर, पटना, जोधपुर, भुवनेश्वर, गांधीनगर, रोपड़, मंडी, तिरुपति, पलक्कड़, भिलाई, जम्मू, गोवा और धारवाड़ के आईआईटी संस्थानों में गुजरे पांच वर्षों के दौरान किसी विद्यार्थी की आत्महत्या की एक भी घटना नहीं हुई। आईआईटी विद्यार्थियों की आत्महत्या के कारणों के बारे में आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल का कोई जवाब नहीं दिया गया। इन संस्थानों में आत्महत्या की घटनाएं रोकने के प्रयासों के बारे में पूछे जाने पर बताया गया कि छात्र-छात्राओं की शिकायतों पर जांच के बाद कार्रवाई के तंत्र बनाए गए हैं। इनमें विद्यार्थी शिकायत शाखा, अनुशासन समिति, परामर्श केंद्र आदि शामिल हैं। सुपर 30' के संस्थापक आनंद कुमार ने सुझाव दिया कि आईआईटी संस्थानों में विद्यार्थियों की तादाद के अनुपात में शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए। गैर अंग्रेजी माध्यम वाले स्कूलों में पढ़कर आईआईटी पहुंचे छात्रों के लिए अंग्रेजी की विशेष कक्षाएं शुरू की जानी चाहिए, ताकि उन्हें पढ़ाई में मदद मिल सके।

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