मुंबई: खतरनाक है बच्चों की लाइफ में इंटर नेट
मुंबई: पहले अभिभावक बच्चों को नशे की लत से बचाने के लिए परेशान रहते थे, लेकिन आज के दौर में बच्चों और किशोरों को इंटरनेट का नशा लग गया है। इसके कारण बच्चों का इलाज भी कराना पड़ रहा है। एक सर्वे के मुताबिक, देश में 8 से 12 साल तक के बच्चे प्रतिदिन औसतन 4 घंटे 40 मिनट तक इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। किशोरों में यह लत काफी चिंताजनक है। किशोर प्रतिदिन 7 घंटे 22 मिनट इंटरनेट पर बिता रहे हैं। सर्वे के मुताबिक, इसमें स्कूल या होमवर्क के लिए इंटरनेट पर बिताया गया समय नहीं शामिल है। इस कारण बच्चे मानसिक रोग का शिकार भी हो रहे हैं। इंटरनेट का इस्तेमाल करने के मामले में महानगरों के बच्चे काफी आगे हैं। देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिवस 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पंडित नेहरू अक्सर कहते थे, 'बच्चे देश का भविष्य हैं, उन्हें संभालकर और संजोकर रखने की जरूरत है। ' तकनीकी को लेकर बच्चों की आदतों को ट्रैक करने वाली गैर सरकारी संस्था कॉमन सेंस मीडिया के सर्वे में सामने आया है कि अधिकांश बच्चे टेलिविजन, स्मार्ट फोन और अन्य गैजेट्स से चिपके रहते हैं। विडियो देखने के लिए बच्चे प्रतिदिन कम से कम 1 घंटे यूट्यूब का इस्तेमाल करते हैं। नैशनल ट्रस्ट सर्वे के अनुसार, 83 प्रतिशत माता-पिता का मानना है कि उनके बच्चे तकनीकी का इस्तेमाल करना सीखें, लेकिन उसके आदी न बनें। हालांकि 10 में से 9 माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे इंटरनेट पर समय बिताने की बजाय लोगों से मिलें-जुलें और खेलकूद पर जोर दें। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पुजारी ने बताया कि बच्चों की देख-रेख और उनके साथ समय बिता कर इस लत को छुड़ाया जा सकता है। यदि यह मानसिक बीमारी का रूप ले ले, तो डॉक्टर से उचित परामर्श जरूरी है। उन्होंने बताया कि बच्चों को अन्य गतिविधियों में शामिल कर भी इससे बचाया जा सकता है।