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पेरिस: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) भारत का पहला राफेल (Rafale) लेने के लिए इन दिनों फ्रांस पहुंचे हुए हैं. इससे पहले उन्होंने पेरिस में  फ्रांस के राष्ट्रपति एमेनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) से मुलाकात की और दोनों देशों के रक्षा एवं रणनीतिक संबंधों को और मजबूत बनाने के बारे में चर्चा की.  फ्रांस के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एलिसी पैलेस में उनसे मुलाकात के दौरान सिंह ने फ्रांस को भारत का ‘‘ महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार '' बताया. रक्षा मंत्रालय ने इस मुलाकात को ‘‘बहुत गर्मजोशी से भरा और फलदायी '' बताया. बैठक करीब 35 मिनट चली.  इसके बाद मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया, ‘‘ यह बैठक दर्शाती है कि भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय साझेदारी कितनी गहरी है, खासकर रक्षा क्षेत्र में और हाल के वर्षों में यह उल्लेखनीय रूप से सुदृढ़ हुई है. दोनों नेताओं ने इन संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संकल्प लिया. '' इसमें कहा गया, ‘‘ दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने और मेक इन इंडिया पहल को समर्थन देने के लिए सिंह ने राष्ट्रपति मैक्रों का आभार व्यक्त किया.
राजनाथ सिंह ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति जाक शिराक के निधन पर भारत सरकार की ओर से शोक व्यक्त किया. फ्रांस आए मंत्री स्तरीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा, ‘‘ फ्रांस के साथ हमारे बहु-आयामी संबंध हैं और संबंध सभी मोर्चों पर आगे बढ़ रहे हैं. आज की बातचीत दोनों देशों के बीच व्यापक रक्षा चर्चा का हिस्सा है. '' मैक्रों से मुलाकात से पहले सिंह ने फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले के साथ बैठक की. इस बैठक में फ्रांस के राष्ट्रपति के रक्षा सलाहकार एडमिरल बरनर्ड रोजेल भी मौजूद थे.
सिंह इसके बाद मैरिग्नेक पहुंचे जो दक्षिण-पश्चिमी नगर बोरडॉक्स का उप नगर है. यहां सिंह राफेल की निर्माता कंपनी दसॉल्ट एविएशन के प्रतिष्ठान का दौरा किया. इसके बाद पहले राफेल के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसके तहत आधिकारिक रूप से  फ्रांस भारत को ये लड़ाकू विमान सौंपेगा. . भारत में दशहरे के दिन पारंपरिक रूप से शस्त्र पूजा की जाती है. यहां भी शस्त्र पूजा की व्यवस्था की गई है. उल्लेखनीय है कि आज वायुसेना का 87वां स्थापना दिवस भी है. सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ वायुसेना कर्मियों और उनके परिवारों को 87वें वायुसेना दिवस की शुभकामनाएं.'' इसमें उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय वायुसेना अभूतपूर्व पराक्रम, धैर्य, दृढ़ निश्चय तथा राष्ट्र की उत्तम सेवा का चमकता उदाहरण है. नीली वार्दी वाले ये कर्मी आसमान छूने में सक्षम हैं.'' राफेल सौंपे जाने के कार्यक्रम में मंत्री शस्त्र पूजा करेंगे. इसके बाद वह राफेल जेट में यात्रा करेंगे. नए विमान के सामने नारियल तोड़ा जाएगा.
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ विजयादशमी के उपलक्ष्य में वह शस्त्र पूजा करेंगे और राफेल लड़ाकू विमान में थोड़ी देर की उड़ान भी भरेंगे. '' कार्यक्रम में फ्रांस के शीर्ष सैन्य अधिकारी और दसॉल्ट एविएशन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपए में 36 राफेल लड़ाकू जेट का सौदा किया था. हालांकि राफेल सौंपने का आधिकारिक समारोह इस हफ्ते हो रहा है लेकिन राफेल विमानों की पहली खेप मई 2020 में ही मिल पाएगी. सभी 36 विमान सितंबर 2022 तक भारत को मिल जाएंगे. दसॉल्ट एविएशन ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘ रक्षा क्षेत्र में, भारतीय वायु सेना हमारी पुरानी ग्राहक है और वर्ष 1953 से दसॉल्ट के विमान उड़ा रही है. वर्ष 2016 में हुआ 36 राफेल का सौदा और मिराज 2000 आई/टीआई का आधुनिकीकरण इसी ऐतिहासिक साझेदारी का हिस्सा है.'' राफेल सौंपे जाने के समारोह के बाद सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री के बीच मंगलवार शाम को पेरिस में सालाना भारत-फ्रांस रक्षा चर्चा होगी. बुधवार को सिंह फ्रांस के अग्रणी रक्षा उद्यमों के सीईओ को संबोधित करेंगे.

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