राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत में और बढ़े मतभेद
जयपुर, राजस्थान सत्ता और संगठन में तालमेल कायम करने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर गुरुवार को जयपुर में हुई बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उप मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच एक बार फिर मतभेद खुलकर सामने आ गए। तीन दिन पहले सचिन पायलट की जानकारी के बिना बसपा के छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर गहलोत ने पार्टी की आंतरिक राजनीति में खुद को मजबूत करने की कोशिश की थी। गहलोत इन छह विधायकों को मंत्री बनाना चाहते हैं। लेकिन गुरुवार को हुई बैठक में पायलट और उनके समर्थकों ने साफ कर दिया कि बसपा से आने वाले विधायकों को मंत्री नहीं बनाना चाहिए। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे की मौजूदगी में पायलट के खास पीसीसी उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत ने बसपा छोड़कर आने वाले विधायकों को मंत्री नहीं बनाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर होगा। वहीं, बैठक के बाद पायलट ने इशारों ही इशारों में साफ कहा कि ये विधायक बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुए हैं। मीडिया और हमारी पार्टी के नेता उन्हें नए आइडिया नहीं दें। विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर पायलट ने अविनाश पांडे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कोई मेरे मन में और इनके मन में क्या चल रहा है। इसकी बात नहीं करें। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष, अग्रिम संगठनों के अध्यक्ष व मंत्रियों की संयुक्त बैठक में पायलट ने बिना किसी पूर्व सहमति के प्रतिदिन मंत्रियों के कांग्रेस मुख्यालय में सुनवाई करने के लिए कह दिया। पायलट ने कहा कि इसके लिए पीसीसी रोस्टर तय करेगी कि किस दिन कौन सा मंत्री जन सुनवाई करेगा।.