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मीरा-भाईंदर : पिछले बुधवार को गोरेगांव में एक गटर में 3 वर्षीय दिव्यांशु गिर गया, जिसकी अब तक कोई खबर नहीं है। लेकिन, इस घटना से मीरा-भाईंदर मनपा ने कोई सबक नहीं लिया है। शहर में ऐसे कई गटर टूटे हैं, जिनके ढक्कन खुले हुए हैं या फिर उन ढक्कन हैं ही नहीं।
भाईंदर (पूर्व) के शिवशक्ति नगर के पास बना गटर कई जगह से टूटा हुआ है, जिसकी वजह से 2 फीट तक का होल हो गया है। इस गटर के पास रोजाना छोटे बच्चे क्रिकेट खेलते हैं। स्थानीय निवासी एस.एस. राजू कहते हैं कि टूटे गटर मौत को निमंत्रण दे रहे हैं। यहां कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
इंदिरा नगर के गटर में भी एक बड़ा सा होल हो गया है। स्थानीय रहिवासी रोहित ठाकुर बताते हैं कि शिकायत के बाद भी प्रशासन इस पर ध्यान नहीं देता है। रोहित बताते हैं कि इस रास्ते से रोजाना हजारों लोग गुजरते हैं और किसी भी दिन यहां हादसा हो सकता है।
स्कूली बच्चों को खतरा
मीरा रोड के काशिमिरा के श्मशान के पास भी एक बड़ा गटर खुला है। साहिल मिश्रा बताते हैं कि मुख्य सड़क से जोड़ने का यह एकमात्र मार्ग है और रोजाना हजारों स्कूली बच्चे यहां से गुजरते हैं। मिश्रा के अनुसार, 'मनपा झोपड़पट्टी के आस-पास के गटरों पर जानबूझ कर ध्यान नहीं देती। मनपा की नजर में गरीब लोगों की कोई कीमत नहीं है।' यही स्थिति भाईंदर (पश्चिम) के गणेश देवल नगर, भोला नगर, मीरा रोड के पेणकरपाडा, धाचकुलडा और मासचापाडा की भी है।


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